STORYMIRROR

Kavi Rp

Romance

4  

Kavi Rp

Romance

रात अधुरी रह जाती है

रात अधुरी रह जाती है

1 min
374

कहने को श्यामें गुज़र जाती हैं तेरे साथ

एक तेरे साथ गुज़ारने को रात अधुरी रह जाती हैं


मेरे जज़्बातों को लफ़्ज़ नहीं मिलते और

होंठों पर आते आते बात अधुरी रह जाती हैं


दूर चलते चलते राहों में न हो तू अगर  

साथ मेरे मंज़िल अधूरी रह जाती हैं


कभी लिख़ दिया करता था मेरे ख़्यालों को पन्नों पर 

अब क़लम में मेरी स्याही अधूरी रह जाती हैं


टूटे तारें भी मुझसे अब तो पुछने लगे हैं

तेरी कितनी ही ख़्वाहिशें अधूरी रह जाती हैं


ज़िक्र तेरा हर बात में किया करता था में 

अब हर बात में तेरी याद अधूरी रह जाती हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance