प्यार की होगी जीत
प्यार की होगी जीत
यह कहानी अत्यंत प्रेम से भरा है एवं सच्ची घटना है। रोहन और राखी का प्रेम भरा कहानी। रोहन राखी दो प्रेमी थे। एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। राखी अपने परिवार से भी बहुत प्यार करते थी और डरती भी बहुत थी। एक बार रोहन उससे मिलने की बहुत जिद करता है राखी उससे मिलने का समय देती है और जगह बताती है उस दिन राखी ट्यूशन से घर आ रही थी बहुत तेज बारिश हो रही थी वही बगल की दुकान में रोहन को खरा देखी उस दिन पार्क में मिलने का था लेकिन तेज बारिश होने के कारण राखी ने उस दिन का प्लान कैंसिल कर दी और वह अपने घर आ गए दोनों एक ही घर में रहते थे रोहन के बुआ के घर में किराए में राखी रहती थी। रोहन कुछ दिन के लिए अपनी बुआ के यहां आया था घर आने के बाद रोहन बिल्कुल गुस्सा और उदास रहता था। उसी रात फिर कल मिलने की वादा करती है और दूसरे दिन जब वह ट्यूशन से आ रही होती है तो रास्ते में फिर रोहन मिलता है और उसकी बाइक से पार्क की तरफ निकल जाती है राखी तभी भी बहुत डरी थी वहां पर पहुंचकर उसे लगता था जैसे हर कली हर फूल उसे ही देख रही है।
वह बिल्कुल डरी और सहमी सी थी लेकिन इसे एक बात की खुशी भी था कि उसका प्यार रोहन उसके साथ था इस बात की उसे बहुत खुशी थी दोनों बातें करने लगे बात करते-करते लगभग घंटों बीत गए लेकिन राखी के मन में डर अभी भी बना ही था फिर राखी जिद करने लगी घर आने को तो रोहन उसकी बात मान कर अपनी बाइक से ही घर तरफ आता है घर से कुछ दूर पहले ही राखी को उतार देता है और खुद बाइक से चला जाता है राखी मन ही मन फूली नहीं समाती है उस रात देर रात तक राखी और रोहन की बातें होती है दोनों बहुत ही खुश रहते हैं फिर दूसरा दिन रोहन अपने घर जाने की बात करता है राखी का मन बिल्कुल उदासी हो जाती है और उसे जाने की इजाजत दे देती है जिस दिन निकलता है उसी दिन राखी को या उसके शादी की बात का पता चलता है यह सुनकर राखी की बिल्कुल टूट सी जाती है और खूब फूट-फूट कर रोने लगती है तभी रोहन का कॉल आता है और रोहन राखी को बहुत समझाता है कॉल वीडियो कॉल पर बहुत देर तक बातें होती है। उसके बाद रोज वीडियो कॉल से ही दोनों की मुलाकात होती थी और बात होती रहती थी। एक दिन दोनों में किसी बात को लेकर बहस हो जाती है इधर राखी भी बहुत रोती है । और दोनों ना बात करने ना मिलने फैसला करती है।
लेकिन अंत में राखी को नहीं रहा जाता है और वह कॉल कर देती है थोड़ा गुस्सा होते हैं और फिर ठंडा होकर बात करते हैं फिर दोनों बात होने लगती है अब यह झगड़ा उन दोनों के बीच हर 8 दिन 10 दिन में होती ही रहता था कोई ना कोई कारण से इस बात से अब राखी और रोहन दोनों उप चुके थे लेकिन दोनों एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे एक बार रोहन राखी से बोलता है राखी चलो हम लोग शादी कर लेते हैं लेकिन राखी के घरवाले शादी से मना कर देते है यह बातें सुनकर रोहन और राखी को बहुत दुख होता है फिर दोनों अपनी फैमिली कीी बातें मानकर रह जाते है और सारा फैसला भगवान पर छोड़ देते हैं फिर रोहन का शादी कहीं और फिक्स हो जाता है यह बात सुनकर राखी भी टूट सी जाती है और शादी पूरा फाइनल हो जाता है फिर शादी का शॉपिंग करने के लिए वह अपने बुआ के घर आता राखी को यह सब बर्दाश्त नहीं होता है तभी उन दोनों में लड़ाई हुई रहती है दोनों में बातें नहीं होती है एक रात राखी रोहन को मैसेज करती है और फूट-फूट कर रोने लगती है तभी रोहन बोलता है ऐसा नहीं है हम तुम्हें भूल गए हैं
आज भी मुझे याद है वह दिन जब हम लोग मिले थे क्या मौसम था बारिश की रिमझिम बूंदे फिर दोनों की मिली एक साथ तस्वीर राखी को सेंड करता है राखी यह देखकर बहुत रोने लगती और अपने बीते दिन को याद करती है तब रोहन बोलता है कि मैंने तो कहा था ना हम लोग कहीं दूर जाकर शादी कर लेते हैं लेकिन तुम जाने को तैयार नहीं हुई। इसी कारण हम लोग शादी नहीं कर पाए इसमें मेरी क्या गलती है मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूं जितना पहले करता था दोनों में बातें होने लगी बहुत सारा प्यार फिर दोनों मिलने लगे 1 दिन रोहन बोलता है कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं राखी और रोहन दोनों मिलते हैं और राखी रोहन को गले लगा कर बहुत रोने लगती है जैसे लगते हैं की मेरा प्यार अब मुझसे बहुत दूर जा रहा है यह देख तभी रोहन भी रोने लगता है और रोहन ने हिम्मत करके अपनी फैमिली से राखी और अपनी शादी का बात करता है उसकी मां भी तभी यही थी दोनों की प्यार के आगे दोनों का परिवार झुकता है और प्यार जीत जाता है अंत में राखी और रोहन की शादी हो जाती है दोनों खुशहाल जीवन एवं हर एक सुख दुख में साथ रहने का वादा करके अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं। जिस दिन शादी थी उस दिन भी वही मौसम था जैसा मौसम था जब वह दोनों पहली बार मिले थे, अंत में हुई प्यार की जीत।

