STORYMIRROR

Gulafshan Neyaz

Drama

3  

Gulafshan Neyaz

Drama

प्रेमिका और पत्नी

प्रेमिका और पत्नी

3 mins
911

मुझे अभी तक पत्नी और प्रेमिका का फर्क समझ नहीं आया था। क्या अंतर है दोनों में पत्नी से भी प्यार होता है और प्रेमिका से भी दोनों केस में लोग साथ जीने मरने की कसम खाते है बस फर्क है प्रेमिका वाले रिश्ते को हम समाज में नाम नहीं दे सकते हम छुपाते हैं और पति पत्नी वाला रिश्ता जग जाहिर होता हैं।

पर मुझे दोनों रिश्ते का अंतर समझ आ गया। वो आय ऐसे की मेरी शादी आरेज मेंरिज हैं। पर मेरा रिश्ता लगातो इनसे तो आजकल मोबाइल का और वीडियो कालिंग का ज़माना हैं तो फिर क्या था इधर रिस्ता फिक्स उधर हमदोनो फिक्स घरवाले चाहते थे की हम एकदूसरे को देख ले समझ ले शादी में सिक्स मंथ बचे थे। मेंरे हस्बैंड सऊदी रहते थे। तो शुरुआत खबर खैरियत से होई धीऱे धीरे बात बढ़ती गई। वैसे सऊदी में ड्यूटी बहुत टाइट होती है फिर भी बेचारे मेंरे लिए वक़्त निकाल ही लेते फाइव मिनट ब्रेक टाइम में फोर मिनट बात तो कर ही लेते कभी कभी उनकी नाईट ड्यूटी होती तो बेचारे वॉइस मेसेज कर देते जैसे फुर्सत में होंगे कॉल करेंगे में भी उनके कॉल के इंतजार में आँखे फार कर जागी रहती जैसे मेंरे मोबाइल की घंटी बजती कॉल रेसिव करते ही एक ही साँस में जान आप ठीक तो है खाना खा लिया बात करते करते पता भी नहीं चलता की रात के बारह एक बज चुके है चलया आप सो जाए कल आपको ड्यूटी भी जाना है अरे कोई बात नहीं एक दिन छोड़ देंगे वैसे भी एक दिन भी छुट्टी नहीं ली।

धीरे धीरे और बात बढ़ती गई और हम दोनों एक दूसरे के दिल धड़कन कालेज फेफड़े सब हो गए। उसके बाद अगर एक घंटे भी बात करने में देरी होती तो लगता की कुछ खो गया है

एक दूसरे को आई लव यू वाला मेंसेज भेजना बिलकुल नहीं भूलते नई नई ड्रेस पहन के जबरदस्ती के मुस्कराने वाले पोज़ बना बना कर उनको फोटो में भेजती वो मुझे।

फाइनली हम दोनों की शादी हो गई और हम एक दूसरे के हो गई शादी के एक मंथ बाद मेंरे हस्बैंड मुझे मेंरे माइका छोड़ कर गए तो मेंने उनको कॉल किया सुबह से कॉल करते करते शाम हो गए उन्होंने मेरा कॉल रेसिव नहीं किया तो मेरा पारा सातवे आसमान पर पहुँच गया तो मेंने घर पर कॉल किया तो पता चला जनाब का मोबाइल साइलेंट था ये घर के साफ सफाई में बिजी थे अकसर हमदोनो को फोन को लेकर ही झगड़ा होवा क्योकि या मुझे बहुत कम कॉल करते है उसके मेंरे हस्बैंड का चार महीने का समय ख़तम हो गया। अब भी उनकी वही प्रॉब्लम है उनके पास समय नहीं ड्यूटी है तो घर की जिम्मेंदारी है और फालना धिकाना या फिर टॉपिक ऐ होती आपकी अम्मा ने या कहा आपकी बहन ने इत्यादि मेंरे पति बुरे नहीं पहले में उनकी गर्लफ्रेंड थी पर अब में उनकी बीवी हूँ और मेंरे और मेंरे बच्चें के और उनकी फैमिली के पालन पोषण की जिम्मेंदारी और अपने बच्चे का फ्यूचर बनाने के चक्कर में वो पीस गये हैं।

पहले में उनसे कोई डिमांड नहीं करती थी पर शादी के बाद मेरी सारी जिम्मेदारी मेरे पति की है पर प्यार वो अब भी मुझ से बहुत करते है बस तरीका बदल गया है पहले फ़ोन करती थी तो अपने खाना खाया पर शादी के बाद आपने पैसा भेजा पहले आपकी तबीयत कैसी है अब सुनेया पैसा जल्दी से भेज दीजिये तो बाबु को डॉक्टर के पास लेकर जाना है अब तो रात के नौ बजते बजते एक नींद पूरी कभी कभी सोचती हूँ जो रात के बारह बजे तक जगती थी क्या वो में ही थी। अब ना जान है ना आई लव यू वो कमाने में बिजी और में घर की जिम्मेदारी में यही फर्क है मेरी नज़र में प्रेमिक और पत्नी में।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama