Atal Painuly

Tragedy

3.0  

Atal Painuly

Tragedy

पिता की सीख

पिता की सीख

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विशाल पुलिस विभाग में सबइंस्पेक्टर था। उसने अपने बेटे राम के लिए जन्मदिन पर नई स्कूटी भेंट स्वरूप दी।  

राम को समझाते हुए उसके पिता ने कहा- "कि कभी अगर स्कूटी चैकिंग में पकड़ी गई तो पुलिस को घूस -रिश्वत मत देना, सीधा फाईन भरना, और ईमानदारी से रहना।"

कुछ दिन बाद पिता -पुत्र दोनों एक साथ दूसरें शहर स्कूटी से जाते हैं। उस वक्त चैक पोस्ट पर चैकिंग चल रही थी। पुलिस ने उनकों रोककर गाडी़ के कागजात माँगे। सभी कागजात थे। बस प्रदुषण सर्टिफिकेंट पर बात बिगडी़ और स्कूटी का प्रदुषण सर्टिफिकेंट न होने के कारण पुलिस ने स्कूटी का चालान काटने लगी। 

अब प्रदुषण एक्ट नया था। विशाल नें वह अभी नही बनवाया था और जब पुलिस ने चालान काटनें को कहा तो विशाल नें कहा -"सर कुछ ले दे के मामला निपट दो।"

उस समय राम भी वहीं था ,वह अपने पिता को देखकर हाथ पकड़कर पूछता है कि आपनें ही तो रिश्वत देने को मना किया था फिर आप खुद सामनें से रिश्वत दे रहे हो। उसके पिता ने आँख दिखा कर उसे चुप करा दिया और राम वही स्तब्ध बन कर खड़ा रहा।


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