Diya Jethwani

Drama Romance

4  

Diya Jethwani

Drama Romance

पहले प्यार की निशानी

पहले प्यार की निशानी

3 mins
399


साक्षी कहा खोई हुई हो... और ये तुम्हारे हाथ में क्या हैं..! 

साक्षी :-ये... याद हैं राजीव मैने तुम्हें अभय के बारे में बताया था..।

राजीव :- हां... याद हैं..। 

साक्षी :- ये उसी की एक निशानी हैं..। 

राजीव :- निशानी...? 

साक्षी :- हां... प्यार की निशानी..। ये लोकेट और एक लेटर उसने मुझे दिया था..। 

राजीव :- ओहह...। वो लेटर कहाँ हैं..! 

साक्षी मुस्कुराते हुए :- तुम्हें पता हैं राजीव उस लेटर में उसने क्या लिखा था..। 

राजीव:- क्या..! 

साक्षी :- सिर्फ दो लाइन लिखी थी..। डियर साक्षी मुझे नहीं पता मैं तुमसे कब से और कितना प्यार करता हूँ बस इतना जानता हूँ.. यू कंपलीट मी..। 

राजीव :- वाह... क्या बात हैं.. दो लाइन में ही सब कुछ बोल दिया..। 

साक्षी :- पता हैं राजीव.. इतने साल हम साथ पढ़े.. साथ खेले.. साथ बढ़े हुए... पर मुझे कभी भी नहीं लगा की वो मुझे इतना प्यार करता हैं..। ना ही कभी उसने जताया और ना ही कभी मुझे महसूस हुआ..। 

राजीव :- तुम बहुत मिस कर रहीं हो ना उसको..! 

साक्षी :- हां राजीव... । जानते हो क्यूँ..! 

राजीव :- जानता हूँ साक्षी..। पिछले साल आज ही के दिन उसकी मौत की खबर तुम्हें मिलीं थीं..। 

साक्षी राजीव के करीब आकर उसकों गले से लगाते हुए बोलीं :- सच में राजीव... मैं ये कभी नहीं चाहतीं थी की वो इस तरह मुझे अकेला छोड़ दे..। लेकिन किस्मत के आगे किसकी चलीं हैं..। 

राजीव :- मैं जानता हूँ साक्षी... वो तुम्हारे लिए तुम्हारा सबसे करीबी दोस्त था..। उसका इस तरह जाना... सच में बहुत दुखदायी हैं..। 

वैसे एक बात पुछूं साक्षी...! 

साक्षी :- हाँ बोलों..। 

राजीव :- अगर तुम्हे शादी से पहले पता चल जाता की अभय तुमसे इतना प्यार करता हैं तो क्या तुम.... 

साक्षी बीच में बोलते हुए :- पता नहीं राजीव..... क्योंकि मेरे दिल में उसके लिए ऐसा कुछ भी नहीं था... अगर होता तो मैं खुद अपने पेरेन्ट्स से बात करतीं..और मम्मी पापा मान भी जातें... क्योंकि अभय से मेरा रिश्ता ही ऐसा था..। पक्की और पाक साफ दोस्ती..। मुझे तो खुद जानकार बहुत हैरानी हुई की उसके दिल में मेरे लिए... इतना प्यार हैं..। हाँ अगर तुम मेरी लाइफ में ना आये होतें और अभय ने वक्त पर मुझे सब बताया होता तो... शायद मैं उसकी खुशी के लिए हां भी कर देती..। लेकिन वो बिल्कुल पागल था..। लेटर और ये लाकेट दिया तो भी मेरी शादी के तोहफे में..और कहा की अकेले में खोलना..। जब बिल्कुल फ्री हो जाओ तब खोलना..। शादी के बाद तो तुम्हें पता हैं नई दुल्हन का क्या हाल होता हैं..। पूरे आठ दिनों बाद मैने उसकी गिफ्ट खोली.. और देखा तो...। 

बोलते बोलते साक्षी का गला भर गया और उसकी आँखों में आंसू आ गए..। 

राजीव ने उसका चेहरा ऊपर किया और कहा :- रो क्यूँ रहीं हो जान... जो हुआ उसमें तुम्हारी कोई गलती नही थी..। अभय की मौत एक हादसा था..। वो तो किसी के साथ भी हो सकता हैं ना..। 

राजीव ने साक्षी के आंसू पोंछे और उसे फिर से गले लगाकर कहा :- मुझे तुम पर पुरा भरोसा हैं साक्षी.. और मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ..। अच्छा चलों आज तुमसे एक वादा करता हूँ..। अगर हमारा बेटा हुआ तो उसका नाम हम अभय रखेंगे..। 

साक्षी :- राजीव... ये तुम... 

राजीव ने उसके होठों पर हाथ रखकर कहा :- प्यार तो प्यार होता हैं पागल.. जो प्यार तब नही कर पाई... माँ बनकर कर निभा देना..। अभय जहाँ भी होगा.. बहुत खुश होगा..। 

साक्षी :- राजीव मैं बहुत खुशनसीब हूँ की मुझे आप जैसा जीवनसाथी मिला..। 


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