फिर हुई हेराफेरी
फिर हुई हेराफेरी
"ये बाबू भईया का स्टाइल है"कहते हुए बाबू भईया ने राजू को एक हल्की सी चपेट लगाई। श्याम यह सब देख के खुश हो रहा था। राजू, श्याम और बाबू भईया की यह पहली बार तो नोंक झोंक थी नहीं।
अभी भी उनकी स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी। राजू और श्याम बेरोजगार और उसपर से बाबू भईया के घर को गिरबी रख के जो पैसे मिले थे वो भी खत्म हो रहे थें।
राजू ने फिर तिकड़म लगाई और बाकी बचे पैसे से कुछ लॉटरी की टिकट खरीद ली। लेकिन इस बात से श्याम और बाबू भईया भड़क गए। भड़के भी क्यों न यहाँ खाने के लाले पड़े हैं और इन्हें लॉटरी की टिकट की पड़ी है।
पर इसबार राजू का भाग्य अच्छा था लॉटरी लग गयी पर उन्हें वो इनाम लेने गंगटोक जाना था। बाबू भईया बड़े खुश हुए उन्होंने अपने अंदाज में राजू को गंगटोक जाने को कहा। पर श्याम ने उनसे कहा कि क्यों न हम सभी चले ,वैसे भी राजू का क्या भरोसा?
इधर जब लॉटरी के बारे में कचड़ा सेठ को पता चला उसने जेल से लौटे जग्गा को दे दी। जग्गा अपने समय का नामी लुटेरा था। जग्गा ने प्लान बनाया कि जैसे ही लॉटरी की रकम पूरे दस करोड़ राजू के हाथ लगेंगे वो उसे उनसे छीन लेगा।
पर कचड़ा सेठ ने जग्गा को समझाया कि राजू और उसकी टीम से पैसे छीनना इतना आसान नहीं होगा, इसलिए वो लॉटरी टिकट ही चुरा ले।
गंगटोक निकलने के एक रात पहले ही टिकट चोरी हो गयी। जग्गा ने टिकट चुरा लिया था।इधर कचड़ा सेठ ने बैंक से फ्रॉड किया था जिसके कारण पुलिस उसके पीछे पड़ गयी थी। डर के मारे कचड़ा सेठ भी जग्गा के साथ हो लिया था।
राजू और श्याम समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर टिकट किसने चुराई। इसलिए राजू ने कहा कि हो न हो जिसने भी टिकट चुराई है वो गंगटोक जरूर जाएगा।
ऐसा सोच कर वो भी गंगटोक के लिए निकल पड़े। वहाँ जाने के क्रम में जैसे ही ट्रेन में राजू ने कचड़ा सेठ को देखा वो समझ गया था कि टिकट किसने लिया होगा।
राजू, श्याम और बाबू भईया उनदोनो का पीछा करने लगे ताकि टिकट हासिल किया जा सके। गंगटोक जाने के क्रम में राजू की जग्गा से झड़प हो गयी पर टिकट फिर भी हाथ नहीं आया।
पुलिस भी कचड़ा सेठ का पीछा करते हुए गंगटोक पहुँच गयी थी। इधर गंगटोक में पहाड़ी रास्ते पर बाबू भईया को जग्गा ने धक्का दे दिया वो खाई में गिरते गिरते बचे।
अब जब जग्गा और सेठ माउंटेन रोपवे से जा रहे थे राजू भी पीछे के रोप वे में सवार हो गया । एक हुक के सहारे वो ऊपर में ही जग्गा से टिकट लेना चाहता था। इस क्रम में राजू नीचे गिरते बचा।
उधर दूसरी छोड़ पर पुलिस खड़ी थी । उसने कचड़ा सेठ को पकड़ा ही साथ ही जग्गा को भी पकड़ लिया। अब राजू , श्याम और बाबू भईया वापस रोपवे से लौट रहे थे उन्होंने देखा टिकट तो रोपवे के कंपार्टमेंट में ही गिरा हुआ था।
राजू के बांछे खिल गए। बाबू भईया टिकट को चूम रहे थे और श्याम ने फटाक से टिकट अपने जेब मे डाल लिया। तीनों को पूरे दस करोड़ रुपये मिले। फिर से तीनों अमीर हो गए थे।