Maitreyee Kamila

Inspirational

4.5  

Maitreyee Kamila

Inspirational

पहचान

पहचान

1 min
27


शाम को एक गांव में चौराहे पर बाइक रुका, पुरूष और उनके साथ एक महिला कुछ धुंडने लगे। सामने घर से आदमी बाहर निकल कर पूछा, " किसीका घर ढूंढ रही हो क्या"?

- "नही दरसल हम कुछ सब्जी लाये बेचने के लिए"। तभी गांव के सरपंच भी आ चुके थे। वे बोले," आप लोग बड़े घर के लगते हो। पोषाक से लग रहा है।"

महिला बोली," इस महामारी ने पहचान भुला दिया। हम शहर पर आच्छा खासा काम करते थे।अचानक सब कुछ बन्द हुआ और हमे गांव लौटना पड़ा। कितने दिन घर पर बैठे रहंगे। इसलिये सब्जी लेकर चल पड़े।कुछ सब्जी बिक्री होगी तो थोड़ा राशन आ जाएगा घर मे"।

उस आदमी ने बताया, " चुप रहने से क्या होगा। जरा आवाज़ दे कर बोलो सब्जी ले लो। एक कहावत है, यहाँ पर मरने पर पूछते है कैसे मरे।कभी ये नही पूछते कैसे जी रहे थे।"

औरत ने सब लाज लल्जा छोड़ कर जोर-जोर से चिल्लाई," सब्जी ले लो"। फटाफट ५-६ किलो सब्जी उधर ही बिक गयी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational