देशप्रेम
देशप्रेम
आनलॉइन पर पढ़ते पढ़ते बच्चे थक गए थे।बस टाइम पर लिंक पर जुड़ जाओ और क्लास खतम होते ही बंद करो।सारे बच्चे मायूस थे। एक दिन राजू सबको टेरस पर बुलाया। सब ऊपर आये और कुछ विषय पर गंभीर परामर्श जारी रहा।
दूसरे दिन १५ अगस्त ,स्वत्रंत्रता दिवस ।माँ सोचने लगी स्कूल जब खुला था आज के दिन यूनिफार्म पहन कर राष्ट्रीय झंडा हाथों में लिये चल पड़ते थे बच्चे स्कूल की मैदान के और। माँ सोच ही रही थी कि राजू सुबह उठकर सब काम निपटा कर यूनिफार्म पहन लिया।झंडा हाथों में लिए टेरस पर चला आया ,माँ भी चुपके से ऊपर आयी।देखा तो सभी बच्चे अपनी अपनी टेरस पर यूनिफार्म पहने हुए हाथों में झंडा लिये खड़े है।राजू ने ऊंचाई से तिरंगा लहराया,सब बच्चे अपने जागा से तिरंगा को सलाम कर रहे थे और राष्ट्रगीत शुरू किये।आज़ादी का यह अमृत महोत्सव नील गगन को छू कर हवा में लहरा रहा थी।बच्चे खुशीसे झूम रहे थे।