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Priyanka Mudgil

Comedy

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Priyanka Mudgil

Comedy

पेटूपन

पेटूपन

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"नंदिनी बहू ! कल शाम को प्रीति और जमाई जी दोनों बच्चों के साथ घर आ रहे हैं। इसलिए सब तैयारी अच्छे से कर लेना । और हाँ, राजेश को बोलकर प्रीति के मनपसंद रसगुल्ले मंगवा कर जरूर रख लेना..." बाहर से आती सासू मां ने कहा।


" हां माँ जी! सब तैयारी कर लूंगी। आप चिंता ना करें" नंदिनी ने जवाब दिया।


नंदिनी की शादी के कुछ महीनों के बाद उसकी ननद पहली बार अपने मायके आ रही थी। दोनों ननद - भाभी की खूब अच्छे से पटती थी । इसलिए नंदिनी खुशी-खुशी सब कामों में लग गई । उसकी ननंद के दोनों बच्चे भी बहुत प्यारे थे । दोनों मामी -मामी करके नंदिनी के पीछे लगे रहते थे। नंदिनी अपने पति राजेश को सब सामान की लिस्ट बताकर अपने काम में लग गई।


शाम को राजेश सब सामान लेकर आया। लेकिन नंदिनी की नजर तो सिर्फ मिठाइयों के डिब्बों के ऊपर ही थी क्योंकि बचपन से ही उसे रसगुल्ले बहुत पसंद थे। जैसे ही राजेश ने उसे सारा सामान दिया तो वह मिठाई के डिब्बे हाथ में लेकर उन्हें काफी देर तक देखती रही ।


तभी सासू मां ने कहा ,"नंदिनी यह डब्बा फ्रिज में रख देना वरना रसगुल्ले खराब हो जाएंगे।अब बार-बार रसगुल्लों का नाम सुनकर नंदिनी के मुंह में तो वैसे ही पानी आ रहा था। रात को खाना खाकर सब लोग सोने चले गए। मगर नंदिनी का ध्यान तो कहीं अटक गया था । जब सब चले गए तो उसने चुपके से फ्रिज खोला और एक रसगुल्ला खा लिया । थोडी सी शांति मिली। और फिर वो अपने कमरे में सोने के लिए चली गई । लेकिन नींद तो आज उसकी आंखों से कोसों दूर थी।


तभी वो मायके की यादों में खो जाती है। शादी से पहले जब भी वह घर में किसी से नाराज होती थी तो उसके सामने रसगुल्ले रख दिए जाते और उसे खाकर उसका गुस्सा छूमंतर हो जाता था।उसकी इस दीवानगी को लेकर घर में उसे सब गुल्लू -गुल्लू के नाम से चिढ़ाने लग गए थे। तब उसे गुस्सा आता था । और आज इसी नाम पर हंसी आ रही थी।।


उसे याद आता है कि एक बार उसके बड़े भैया के लिए रिश्ता आया था। और उसके मम्मी -पापा के साथ वह भी लड़की देखने जाने वाली थी।जाते समय उसके भैया ने उसे फिर से चिढ़ाया ," इस गुल्लू को (नंदिनी) पहले घर से ही मन भर कर रसगुल्ले खिला दो ,वरना वहां अगर गलती से भी किसी ने इसके सामने रसगुल्ले रख दिए तो ये सिर्फ रसगुल्ले की तरफ ही ध्यान देगी। लड़की कैसी है उसको देखेगी भी नहीं .."

और भैया के साथ - साथ उसके मम्मी - पापा भी जोरो से हंस पड़ें।

भैया की यह बात सुनकर वह और ज्यादा रूठ गई थी।


तभी उसे भूख लगी क्योंकि अगर उसे सामने रसगुल्ले दिखाई देते थे तो फिर चाहे वह कितना भी खाना खा ले। बिना रसगुल्ले खाए उसका पेट नहीं भरता था। आज भी उसके साथ यही सब हो रहा था । लेकिन नई-नई शादी थी इसलिए संकोचवश किसी को कह भी नहीं पा रही थी । पर अब उसे खुद पर काबू करना मुश्किल लग रहा था । फिर वो चुपके से उठकर रसोई में गई और वहां जाकर चुपके-चुपके रसगुल्ले खाने शुरू कर दिए। एक-एक करके उसने लगभग आधा डब्बा खत्म कर दिया। फिर भी उसका मन नहीं भरा। लेकिन जैसे तैसे वापस जाकर सो गई ।


जब सुबह उठी तो थोड़ा डर लग रहा था कि उसे सासू मां की डांट पड़ेगी या फिर उसके मायके की तरह यहां पर भी सब उसे चिढ़ाएंगे। फिर उसने धीरे से अपने पति राजेश को वापस से रसगुल्ले लाने के लिए कहा।


तभी राजेश ,"अरे नंदिनी! मैं कल ही तो लेकर आया था अभी वापस से क्यों मंगा रही हो ...?


"नहीं ! मैं क्या सोच रही थी कि दीदी आ रही है। और साथ में बच्चे भी हैं तो कहीं मिठाई कम ना पड़ जाए...." नंदिनी ने सफाई दी।


राजेश उसको देखकर मंद मंद मुस्कुरा रहे थे ।क्योंकि रात को इस नजारे का वह भरपूर आनंद उठा रहे थे। और उसे बच्चों की तरह खाता देख कर उसे भी अच्छा लग रहा था।राजेश ने चुपके से और मिठाई लाकर नंदिनी के हाथ में थमा दी।और कहा ,"मुझे नहीं पता था तुम्हें रसगुल्ले इतने पसंद है कि उन्हें देखकर तुम रात को सो भी नहीं पाती हो.."


" नहीं......वह तो मुझे रात को बार-बार प्यास लग रही थी.... तो मैं रसोई में पानी पीने आयी थी...


राजेश जोरों से हंसा


"हा हा ! मैं सब समझ गया.."


अपने पति की हंसी सुनकर नंदिनी को भी अब लग रहा था कि जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई। और उसे अपने पेटूपन पर शर्म आ रही थी।तभी राजेश ने कहा ,"तुमने मुझे बताया क्यों नहीं कि तुम्हें रसगुल्ले इतने ज्यादा पसंद है..? अब से मुझे तुम अपनी हर एक पसंद मुझे बताओगी.."


"मुझे माफ कर दीजिए। मुझसे पाप हो गया " नंदिनी ने कहा


"नंदिनी! इसमें पाप क्या है? हर किसी की कोई ना कोई पसंद होती है और तुम्हें खाने में मीठा अगर इतना पसंद है तो मैं पहले ही तुम्हारे लिए अलग से और ज्यादा ला कर देता। अब से जो भी तुम्हारा खाने का मन हो तुम बेझिझक मुझे बताओगी।"


नंदिनी ने भी सहमति से गर्दन हिला दी ।तभी राजेश," वैसे एक बात पूछनी थी....इतने रसगुल्ले खाने के बाद भी तुम पेटू नहीं लगती हो..."और दोनों जोरों से हंसने लगे।



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