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Satyendra Gupta

Abstract Tragedy

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Satyendra Gupta

Abstract Tragedy

नशे पे पत्नी का दर्द

नशे पे पत्नी का दर्द

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क्यूँ आप पीते है इतना

क्या हमलोगों से प्यार नहीं है

क्या आपकी मंजिल है

हमारी परिवार की बर्बादी

सुधर जाइए ना,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


बेटा को पढ़ाना भी है

इसे आगे बढ़ाना भी है

जितना कमाते है आप

उसे नशे में उड़ाते है आप

नशे को छोड़कर ,

कुछ पैसा बचा लीजिए ना

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


घर की हालत नाजुक हो गई है

खाने पर भी आफत हो गई है

आपके सिवा कौन है हमारा

आपके सिवा कौन है हमारा रखवाला

नशे को छोड़कर,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


बिटिया भी अब बड़ी हो गई है

नशेड़ी की बिटिया से कौन करेगा शादी

मेरे खातिर न सही, बिटिया के खातिर

नशे को छोड़कर,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


अब तो अपने भी लगे है उड़ाने मजाक

नशेड़ी की पत्नी कहने लगे है बार बार

अपने लिए न सही, हमलोगों की खातिर

नशे को छोड़कर,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


क्या - क्या सपने लेकर आई थी इस घर में

इस घर को स्वर्ग बना दूंगी

खुशियों की अरमानों से सजा दूंगी

लेकिन लेकिन आपकी नशा से बिखर गया सबकुछ

नशे को छोड़कर,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


अब तो लगता है जीते जी मर गई हु

अब तो लगता है बुरे सपनों से घिर गई हु

गरीबी की दलदल में फस गया परिवार हमारा

नशे को छोड़कर,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।


पहली बार जब मिले थे हम दोनों

जो सपने देखे थे हम दोनों

नशे को छोड़कर,

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।

एक अच्छे पति और एक अच्छे पिता बन जाइए ना।।


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