नजरों से दिल का सफर भाग 2
नजरों से दिल का सफर भाग 2
Friendship day हमारी बातचीत की शुरुआत का दिन, जब तुमने सबको chocolate दी मुझे भी दी तुम्हारे chocolate देते ही मैंने पैन निकाला और chocolate के रेपर पर तुम्हारा नाम लिखने लगी, ( तुमने ये देखते ही पुछा ये क्या कर रही हो ? ) में कुछ बोलती उसके पहले ही मेरी सहेली बोली, ये इसका पागलपन है जो भी इसको chocolate देता है ये उस रेपर पर उसका नाम लिख लेती है और संभालकर रख लेती है अपने पास और पता है मेरे नाम के रेपर ही है सबसे ज्यादा इसके पास ये सुनकर तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान आई और तुम बोले खाना नहीं मैंने जवाब दिया बाद में खाऊंगी।
उस दिन से हमारी बातचीत होने लगी पर इतनी नहीं थोड़ी बहुत, हम लोगों का 12th था और हम busy हो गए पढ़ाई में, कोचिंग से पहले 10मिनीट और कोचिंग के बाद 10 मिनीट बस हम सब के बीच इतनी ही बात होती थी एक दिन कोचिंग पर तुम्हारा cousin मिलने आया, उस दिन मालूम पड़ा मुझे की तुम अपने भाई के अच्छे दोस्त हो और तुम नहीं तुम चारों के बीच एक गहरा रिश्ता था और आज भी वो वैसा ही है।
एक अलग ही ठहराव था तुम्हारे अन्दर वो तीनों मस्ती करते, कभी तुम्हारी खिंचाई करते पर तुम चेहरे पर मुस्कान सजाएं या कभी जोर से हंस देते बस।
मेरा नाम लेना तुम्हारा और तुम्हारा आ जाना वो तो कितने सालों तक ऐसे ही चलता रहा।
अब हमारी exam आ गई थी, हमारे स्कूल अलग से तो हमारे center भी अलग थे पर तुम तीनों पहले हमारे center आते हमें दोनों को Best of luck बोलते और अपने center के लिए चले जाते
Exam खत्म होते ही तुम तीनों पहले हमारे center पर आते पूछते पेपर कैसा हुआ, थोड़ा पढ़ाई को लेकर ही चर्चा होती और हम अपने-अपने घर चले जाते।
हम सब का result आ गया था और हम सब ही बहुत अच्छे marks से पास हुए थे।
हम सब अब college में आ गए थे, पर हम लोग college नहीं जाते थे बस एक महीने एक बार चले गए वो भी लाइब्रेरी से कोई Book issue करवाने
पर हम सब रोज कोचिंग सेंटर पर मिलते थे।
अब हम सब की दोस्ती बहुत गहरी हो गई थी, पर हम लोगों का बात करने का मुद्दा सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई रहता और कुछ नहीं, हम पांचों ने अपने तीन साल college के पूरे करने वाले थे last year था हम लोगों के college का, College के function में तुम गाना गाने वाले थे
इतने दिन में ये तो पता चल गया था मुझे की तुम किसी को पसंद करते हों पर किसे करते हों ये मैं नहीं जानती थी फिर उस दिन तुम्हारे भाई से पता चला तुम गाना गाकर किसी को propose करने वाले हो और मैं इंतजार करने लगी चलो आज पता चलेगा की वो कौन है।
तुमने गाना गाया और गाना था " तुम अगर साथ देने का वादा करो " गाना खत्म होते ही तुमने मुझे propose कर दिया
मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं और मैं बिना बोले चले गई वहां से
दो दिन तक हमारे बीच कोई बात नहीं हुई, दो दिन बाद तुम्हारा call आया और हमारी बात हुई तुमने ये कहने के लिए call किया था कुछ तो बोलो भले गुस्सा करो पर कुछ बोलो और तुम्हारा इतना कहते ही मैंने कहा यार मैं तुम जैसा दोस्त खोना नही चाहती अब तुम बताओ तुम्हें मेरी दोस्ती चाहिए या ये प्यार, मेरे इतना बोलते ही तुमने
कहां चलो ठीक है अब ये बात में फिर कभी नहीं कहूंगा
और हम दोनों normal होने लगें
हम सब के target clear थे पढ़ाई और पढ़ाई इसलिए अब हम सबके बिछड़ने का वक्त आ गया था
तुम तीनों दोस्त पूना चले गए CA के लिए और मैं दिल्ली चली गई CA के लिए।
पर हमारी दोस्ती वैसे ही रही दूर जाकर भी हम लोग एक-दूसरे के लिए थोड़ा वक़्त निकाल लेते थे
दो साल हो गए थे हम सबको एक-दूसरे से बिछड़ने में ,पर दो साल बाद हमारे दोस्त की बहन की शादी, और हम सबके लिए तो अपनी बहन की शादी थी और हम सबका आना तय था, पर तुम लोग जल्दी जाने वाले थे और मैं देर से। तुम अब कहते तो कुछ नहीं थे पर वो जो feeling थी ना वो तुम्हारी आंखों में दिख जाती थी, तुम सब ने plan बनाया था मुझे स्टेशन लेने आने का और तुम ने मेरे आने की खुशी में सबका जीना दुभर कर रखा था मेरी ट्रेन सुबह 6 आने वाली थी और तुम सबको उठाकर सुबह 4 बजे से स्टेशन पर इंतजार कर रहे थे ( इसका ताना आज भी सब मुझे देते है और तुम हंसते हो इस बात पर)
शादी की मस्ती के बाद हम सब फिर अपने रास्ते चले गए पर अब हमारी सब की जिंदगी में बदलाव आए ।
हम लोग बहुत व्यस्त रहने लगे पढ़ाई में।
हम सब में एक बात बहुत अच्छी थी हम लोग कभी अपने लक्ष्य से नहीं भटके। अब हम लोगों में बातें होना बंद होने लगी या ये कहें पूरी तरह से बंद हो गई
हमने तय किया था exam के बाद बात करेंगे 6 महीने सब अपने में लगे हुए थे
हम सब ने exam दी और तुम तीनों का CA inter clear हो गया
पर मेरा नहीं, मैं फेल हो गई थी मुझे याद है तुम तीनों बहुत उदास थे और सबसे ज्यादा तुम। पर जिंदगी को तो मैंने कभी रुकने ही नहीं दिया मैंने तैयारी की और अपना CAT clear kar liya, पर तब तक मैंने तुम सब से अपने रिश्ते तोडू लिए थे और मैं तुम लोगों से बहुत दूर हो गई थी तुम लोग कहा हो क्या कर रहे हो कुछ नहीं पता था मुझे।
ना तुम लोग कोई जानते थे, क्योंकि वक़्त ने भी बहुत खेल खेलें हम लोगों से अपनी निजी जिंदगी में मेरा MBA clear हो चुका था और मुझे LLB करने के लिए college ढूंढना था और देखो मैंने भी वो college चुना जहां तुम थे।
जिंदगी फिर हमें इतने सालों बाद आमने-सामने ले आई थी पर सबकुछ बदल गया था तुम मेरे senior थे college में, पर जो खामोशी हमारे बीच थी वो नहीं टूटी, ना कभी तुमने बात करने की कोशिश की ना मैंने कभी हम लोग शांति से अपनी जिंदगी जीने लगे। तुमने खुद का office खोल लिया था और मैं भी एक CA के under काम करने लगी Same profession होने कारण हम लोग कहीं ना कहीं टकरा ही जाते थे, एक-दूसरे की नजरों से सामना हो ही जाता था। एक दिन court में तुमने पीछे से आवाज लगाई आरु मैं रुक गई थी क्योंकि ये नाम तुमने पहली बार मेरे सामने लिया था ( ये नाम तो तुमने मेरा बहुत पहले रख दिया था पर कभी मुझे बोलते नहीं थे, ये तो हमारे दोस्तों ने बताया था की ये तुम्हारा नाम, तुम्हारे नाम के पहले अक्षर से जुड़ा मेरा नाम आरु)

