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Neha Yadav

Fantasy Children

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Neha Yadav

Fantasy Children

Nadi aur pahadon ki kahani

Nadi aur pahadon ki kahani

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एक बार नदी ने मन में सोचा “क्या मैं अपनी पूरी जिंदगी इसी तरह बहती रहूंगी” ? क्या मुझे कुछ दिन का आराम नहीं मिल सकता है ?

उसै एक सलाह चाहिए थी तो उसे पहाड़ के सामने अपने विचार रखे, उसकी बात सुनकर पहाड़ बहुत जोर से हंसा और बोला, बहन नदी जरा मुझे देखो “मैं कितने सालो से एक ही जगह पर खड़ा हूं। ”नदी बोली तुम बहुत मजबुत और एक ही जगह पर स्थिर हो तो तुम एक ही जगह खड़े रहकर कैसे थक सकते हो।

मुझे देखो में हमेशा बहती रहती है। मुझे तो एक भी मिनट आराम करने का वक्त नहीं मिलता है। मैं बहुत थक जाती हूं। पहाड़ फिर से हँसा और बोला, ऐसा तुम्हें लगता है की मैं नहीं थकता हूं लेकिन एक जगह पर खड़े रहकर मैं बहुत ठक जाता हूँ। पहाड़ बोला, ” मैं हर रोज यही पेड़, यही आसमान देख कर थक गया हूँ ”। मेरा भी मन करता है की मैं तुम्हारी तरह बहता रहूँ, एक जगह से दसरी जग जाऊं, नए नए गाँवों में, नए जंगलो में जाऊं,” मैं भी खुलकर जीना चाहता हूं तुम्हारी तरह सब मुझे भी प्यार दें।


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