प्यासा कौवा
प्यासा कौवा
बार की बात है एक कौवा बड़ा ही प्यासा था, पानी की तालाश में वह कौवा इधर उधर भटक रहा था लेकिन उसे कही भी पानी का कोई स्रोत नहीं दिखाई दिया। बहुत देर इधर उधर घूमने के बाद थक हारकर कौवा एक पेड़ की डाल पर बैठा।
पेड़ से कुछ ही दूरी पर एक खेत था जहां पर एक घड़ा रखा हुआ था, कौआ अंदर ही अंदर काफी खुश हो गया और जल्दी से घड़े के पास जा पंहुचा। लेकिन जैसे ही कौवे ने घड़े में पानी पीनी के लिए अपना चोंच डाला उसकी ख़ुशी झट से गम में बदल गयी, घड़े में पानी बहुत ही कम था जिस वजह से कौए की चोंच पानी तक नहीं पहुंच पा रही थी।
