मुलाकात
मुलाकात
अरे ये कौन है?
पता नहीं वो कौन था?
क्यू लेकिन जब उसको पहली बार देखा तब दिल की धड़कनें तेज़ हो गई थीं।
ब्लैक जीन्स, व्हाईट टीशर्ट और स्काई ब्लू डेनिम,
सायाद फास्ट्रैक की घड़ी पहनी ही और शूज़ पता नई पर अच्छे थे।
जब मैने देखा उसको वो किसी के साथ फोन पे बात कर रहा था।
और उसकी हसी तो पूछो ही मत, सारी दुनियां की ख़ुशी उसको मिली हो इतना खुश था।
हा उसको मैने पहली बार फ़ैमिली फंक्शन में देखा था।
उसको मैने आज तक कभी नहीं देखा था। इसलिए मैने सोच लिया होगा कोई मुझे क्या।
ये बोल कर में ने मेरे मन को तो मना पर ये दिल का क्या करू वो तो मान ने के लिए तैयार ही नहीं था।
मेरी आंखें तो बस उसको ढूंढने में लगी थी।मेरी कजिन सिस मेरे पास आ कर बोली,
थोड़ी हेल्प कर देना एक लड़का मुझे पसंद है।
अरे उसमे में क्या करू?लड़का तो तुझे पसंद है ना।
फिर उसने बोला रहने दे तु फट्टू है। अब मेरे साथ चल।
थोड़ी देर के बाद जब हम सब शांति से बेठे गप्पे लगा रहे थे,
तब अचानक उसने मुझे बोला "ये रहा वो, डेनिम वाला"
मुझे तो मेरा दिल धड़कना बंध हो गया है ऐसा लगा,
क्युकी उसको जो पसंद आया था, वो मैने जिसको देखा था वहीं था।
पर क्या करे उसके सामने तो यह नई बोल सकी ये मुझे भी पसंद है।
फिर जब हम खाना खा रहे थे तब अचानक वो सामने आया और मेरी सीस जिसको वो पसंद था,
वो तो उसके साथ बात करने लगी।
जेलियस तो नई हुई पर वो हर बार यही करती है इसलिए थोड़ा गुस्सा आ गया।
उसको कोई अच्छा लगे वो पसंद आ जाता है, और उसी से दोस्ती कर लेती है।
और एक में थी दोस्ती तो दूर की बात ठीक से हाई भी नई बोल सकती थी।
फिर जब में वाहा से जाती थी वो सामने से उसकी बाइक पे जा रहा था।
हमारी बात तो नई हुई पर आंखो की बात हो गई।
सायद वो कुछ कह रहा था पर मुझे कुछ समझ में नई आया।
उसने एक अच्छी वाली स्माइल दी और चला गया।
और में बुद्धू वाहा ही खड़ी रही। स्माइल तो क्या जुठी स्माइल भी नई दी।
ये हुआ तब में 12थे में थी। मेरे पास फोन तो था नई की उसको किसी सोशियल मीडिया पे सर्च कर सकू।
फिर क्या 12 की बोर्ड खत्म हुई।छुट्टी या चल रही थी,
1 महीने बाद पापा ने मुझे फोन दिया।
अभी हप्ता हुआ था फोन आया उसका आज मैने फेसबुक और इंस्टाग्राम में अपना अकाउंट बनाया।
थोड़े दिन बाद में इंस्टाग्राम देख रही थी।
बोहोत सारी रिक्वेस्ट थी। में वहीं सब डिलीट कर रही थी।
अचानक एक रिक्वेस्ट देखी।
प्रोफ़ाइल पिक तो देखा तब लगा कि इसको कही देखा है, लेकिन मुझे याद नहीं आ रहा था।
मैने सारी रिक्वेस्ट डिलीट कर दी,लेकिन उसकी नहीं की ,
अब मैने उसकी अकाउंट ओपन की पर वो प्राइवेट थी।
और पिक में तो लग रहा था इसको में जानती हूं।
फिर में अपनी दोस्त के साथ बात कर रही थी तब किसी अंजान का मेसेज आया।
मैने देखा तो मेसेज उसी का ही था जिसकी अकाउंट अभी मैने देखी थी।
उसका मेसेज था।
हाई, कैसी हो।
मैने जवाब तो नहीं दिया, पर फिर से उसकी अकाउंट खोली।
अब मुझे उसके सारे पिक दिखाई दे रहे थे जो उसने पोस्ट किए थे।
में वो देख कर शोक हो गई।
ख़ुशी इतनी हो रही थी कि में आपको बता नई सकती।
मैने मेरा टेडीबियर को गले लगा लिया था।
एक एक करके उसकी पिक देख रही थी, फिर वही पिक देखी जब मैने उसको पहली बार देखा था।
फिर से उसका मेसेज आया मेसेज देखा तो जवाब क्यों नई दिया?
या फिर आज भी उस दिन की तरह कुछ सोच रही हो।
फिर मुझे याद आया उस दिन जब उसने स्माइल दी थी तब मैने कुछ नई बोला था और आज क्या हुआ।
आज तो बात कर सकती हूं ना।
मैने भी हाई लिखा।
इस तरह थोड़ी थोड़ी बात होने लगी।
अभी तक नंबर भी एक्सचेंज ही गए थे लेकिन कभी फोन नई किया था।
एक दिन मैने इसको पूछा,
तुम सच्ची में मुझे दोस्त मानते हो या फिर
अभी तो में बोल ही रही थी तब उसने बोला,
तेरी दोस्ती तो उस दिन ही कबूल कर ली थी जिस दिन हमारी आंखों ने बात की थी।
में बुद्धू हूं, इस लिए मुझे समज में नई आया।
मैने उसको पूछा क्या?
उसने कहा जब स्माइल दी थी और तु ने कुछ नई बोला था, उस दिन तेरी दोस्ती कबूल कर दी थी।
जब उसने बोला तब में इतनी खुश थी कि,
जो खुदा से आज तक दुआ में मांग रही थी,
वो सक्श मेरे सामने है और में खुदा का दिल से शुक्रिया अदा करूं
बस इतनी खुश थी।
और आज भी पहली बार की तरह आंखों से ही बात हो जाती है हमारी ।
आज भी वो मेरे दिल की बात बिना कहे समझ जाता है।
आज जब भी हम मिलते और में कुछ ना बोलू तो वो बोल देता है ,
"क्यों आज भी पहली बार की तरह सोच ती ही रहेगी।
वो अंजान अजनबी आज मेरा सबसे अच्छा वाला दोस्त है ।
अभी तो वो मुझसे बोहोत दूर है सायाड एक साल हो गया हमें मिले फिर भी कभी ऐसा नहीं लगा कि हम इतने दूर है।
बस ये एक मुलाकात।।।