मत बांटो प्यार को जात-पात में
मत बांटो प्यार को जात-पात में
आकाश क्या सोच रहे हो, तुमने अपने माँ-पापा से बात की हमारे रिश्ते की।
नहीं रेखा अभी नहीं पापा बहुत गुस्से वाले हैं , नहीं मानेंगे माँ से बात करने की कोशिश करता हूँ , शायद माँ कुछ हल निकाले।
आकाश अगर पापा नहीं माने तो। मैं तुम्हारे सिवा किसी और की नहीं हो सकती।
नहीं जी पाऊँगी मैं तुम्हारे बिना और आकाश की माँ आकाश के पापा को बहुत समझाती है लेकिन वो अपनी ज़िद पर अड़े हैं कि रेखा उनकी जात की नहीं है
वो रेखा को अपनी बहू नहीं बना सकते। आकाश की शादी तय हो जाती है उसकी जात की लड़की के साथ सब दोस्तो और रेखा को भी शादी में बुलाया है, सब दोस्त उदास है, रेखा नहीं आई।
आकाश सोचता है कि सभी दोस्त रेखा और आकाश के लिए उदास है। खुश तो आकाश भी नहीं।
वो दोस्तों से रेखा के बारे में जानना चाहता है , दोस्त बताते हैं कि जिस समय आकाश की शादी हो
रही थी, रेखा ने तब खुदकुशी कर ली। यह सुन कर आकाश को गहरा धक्का लगता है।
आकाश दम तोड़ देता है और अपनी रेखा के पास पहुँच जाता है।