मोहब्बत ऐसे भी मिलती हैं
मोहब्बत ऐसे भी मिलती हैं


मनु के पिता के जाने के बाद उस पर घर की सारी जिम्मेदारी आ गई थी, भाई बहन मां सबका ख्याल रखना उनकी खुशी बस इसमें ही उलझ गई थी ।
धीरे धीरे भाई बहन पड़कर अपने अपने जीवन अपने परिवार में व्यस्त हो गए मां भी बीमार रहने लगी थी और उनको मनु की चिंता सता रही थी उनके बाद मनु अकेली हो जाएगी ये सोच वो बार बार उसे शादी ले लिए कहती। पर मनु ने कभी किसी के बारे में सोचा ही भी नहीं, और उसे लगता था अब उसकी उम्र भी निकल चुकी हैं।
पर विधाता किसके लिए क्या तय करते है उनको ही पता ,एक दिन मनु के पड़ोस में सचिन आया ,जो दिखने में तो स्मार्ट था ही और स्वभाव का भी बहुत भला था और ऑफिस में मनु सीनियर था। मनु की खूबियों को देख वो कब उसे पसंद करने लगा उसे पता नहीं चला। सचिन को यूं तो ऑफिस और बाहर पसन्द करने वाली लड़कियों की कमी नहीं थी पर उसे मनु जैसी संगनी की तलाश थी। पर मनु उसकी तरफ देखती भी नहीं थी एक दिन हिम्मत
कर सचिन ने मनु को दिल की बात बताई तब मनु ने कहकर टाल दिया कि उसे किसी का टाइम पास नहीं बनना ।बात आई गई हो गई और मनु को भी लगा सचिन जिसे पसंद करने वाली लड़कियों की कमी नहीं वो उस जैसी साधारण लड़की को कैसे पसंद करेगा जरूर उसे बस छिछोरे लड़कों की तरह इस्तेमाल करना चाहता होगा उसने सही किया जो उसे मना कर दिया।
काफी दिन से सचिन ऑफिस में नहीं आ रहा था, मनु को लगा वो किसी और के पीछे व्यस्त होगा ये सोचते सोचते वो घर पहुंची तो मां के साथ एक महिला बैठी थी तब मां बोली मनु इनसे मिल ये अपने पड़ोसी सचिन की मां है और ये तुम्हें अपनी बहू बनाना चाहती है। मनु का मुंह खुला रह गया तभी सचिन भी आ पहुंचा और बोला मैडम जी मैं तुम्हारे साथ टाइम पास नहीं पूरी जिंदगी जीना चाहता हूं क्या मेरी हमसफर बनोगी मनु की आंखों में पानी था पर शायद आज उसके अकेलेपन का जो दर्द था वो इसमें बह गया था क्योंकि अब उसे भी सफर में एक साथी मिल गया था।