मोबाइल-एक असाधारण खोज
मोबाइल-एक असाधारण खोज
छोटा सा तू सुंदर प्यारा
छोटे-बड़े का एक सहारा
गांव, शहर सब पास में लाता
घुमा देता पल में जग सारा।।
अमीरों का था एक खिलौना
पेजर को बौना कर दीना
पी सी का तू काम छीनकर
सरताज बन गया सबका यारा।।
आंख खुली तेरा दर्शन चाहे
रात्रि का तू एक उजाला
नए-नए सपने रोज दिखाता
भवसागर से पार उतारा।।
ज्ञान-विज्ञान का तू सार है
जो शास्त्रों पर भी अधिकार जमाया
नेटवर्क तेरा इतना बड़ा है
छोटा पड़ जाएं ब्रह्माण्ड ये सारा ।।
बैंक, दफ्तर सब तुम तक सीमित
लेन-देन तू झट निपटाया
सेल्फी, गाने, रील का साधन
रोजगार भी तू आज दिलाया।।
सारी दुनियां तेरी कायल
चोट बिना सब रहते घायल
भोजन, पानी भाड़ में जाएं
फैली तेरी ऐसी माया ।।