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Phool Singh

Drama Classics Inspirational

4  

Phool Singh

Drama Classics Inspirational

आज का दिन

आज का दिन

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मैं खुशहाल हूं 

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल

क्यूं भूत-भविष्य में फसी है जिंदगी

इसे खुशी से जी ले आज

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल..........


आपदा-विपदा आती हर दिन 

सबका मंहगाई से बुरा हाल 

रास्ता किसी को दिखाई न देता,

सब असहाय से हो गए यार

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल..........


किसी को लेना किसी को देना

लोग कर्जे से परेशान

कहीं परिवार में दरार है भारी

क्यूं प्रेम में धोखे यार

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल..........


झूठ-फरेब में दुनियां डूबी

कहीं न शान्ति यार

चतुर-चालाक सब बढ़ते जाते

वक्त अच्छों का रहा न यार 

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल..........


धर्म-जात के मतभेद है गहरे

युवा हुए बेहाल 

रोजगार का पता नही 

वो तनाव-चिंता ग्रस्त क्यूं यार

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल..........


अनचाही बीमारियां फैलती जाती

शिक्षा की कहूं क्या बात

स्कूल हर दिन बंद है रहते, वचिंत शिक्षा से सब यार

मैं भी खुशहाल प्यारे तू भी खुशहाल..........


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