महकती गुलाब की पंखुड़ियाँ
महकती गुलाब की पंखुड़ियाँ


प्यार में मिले धोखे ने रूचि के दिल के टुकड़े टुकड़े कर दिए। टूट कर रूचि ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। आज दो दिन के बाद खुद को थोड़ा संभाल कर उलझे बालों का जूड़ा बनाते हुए बगीचे में जा बैठी। चारों तरफ गुलाबों की खुशबू फैली थी। तभी हवा का झोंका आया और एक गुलाब टूट कर बिखर गया। टूटे गुलाब की पंखुड़ियों अब भी पहले की तरह महक रही थी और समां अब भी खुशनुमा था। जिसे देखकर रूचि ने हँसते हुए खुद से कहा फिर मैं कैसे दिल टूटने से इतना हताश हो सकती हूँ....??