महिला सशक्तीकरण
महिला सशक्तीकरण
महिला सशक्तीकरण क्यों???
महिलाएं ही सृष्टि का आधार है उनके बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्हें भी समाज में उतना ही बराबरी का सम्मान मिलना चाहिए, जितना पुरूषों को मिलता हैं।
महिला सशक्तिकरण क्या है?
महिला सशक्तिकरण का मतलब है कि महिलाओं को अपनी जिंदगी का फैसला करने की स्वतंत्रता देना या उनमें ऐसी क्षमताएं पैदा करना ताकि वे समाज में अपना सही स्थान स्थापित कर सकें।
साधारण शब्दों में कहा जाय तो महिला सशक्तिकरण मतलब महिलाओं की उस क्षमता से है जिससे उनमें वो योग्यता आ जाती है जिसमें वे अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय ले सके।
केवल महिलाओं को ही सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों है? महिलाएं अल्पसंख्यक भी नहीं है, कि उन्हें किसी प्रकार की विशेष सहायता की आवश्यकता क्यों हैं जबकि देखा जाये तो महिलाएं पुरुषों से हर कार्य में बेहतर है। तो यहाँ सवाल यह उठता है कि हम 'महिला सशक्तिकरण' विषय पर चर्चा क्यों कर रहे हैं?
महिला सशक्तिकरण की ज़रूरत क्यों ?
क्योंकि सदियों से महिलाओं को समाज ने समाजिक परम्पराओं, रीति-रिवाजों की बेड़ियां डालकर कभी स्वयं के बारे में सोचने का अवसर ही प्रदान नहीं किया। सदियों से महिलाऐं पुरुषों द्वारा किए गए शोषण का शिकार हुई हैं। महिलाओं की आवाज़ को हर तरीके से दबाया गया है। महिलाओं के खिलाफ अपराध या अत्याचार इतने बढ़ रहे हैं। इनसे निपटने के लिए समाज की रूढ़िवादी सोच को बदलना होगा। इसलिए महिला सशक्तिकरण की सोच न केवल महिलाओं की ताकत और कौशल को उनकी सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने पर केंद्रित है बल्कि साथ ही यह पुरुषों को महिलाओं के संबंध में शिक्षित करने और महिलाओं के प्रति बराबरी के साथ सम्मान और कर्तव्य की भावना पैदा करने में सहायक होगी।
महिला सशक्तीकरण की आवश्यकता को प्रकट करते कुछ बिन्दु निम्नलिखित हैं।
1.देश की उन्नति और समाज का विकास होगा-
एक शिक्षित महिला घर समाज और देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमारे देश को शिक्षित युवा मिलेंगे। जो एक राष्ट्र की उन्नति में सहायक हैं।
2.आत्मनिर्भर बनेगी महिलाएं
महिलाओं को अधिकतर रसोई के कार्य में दक्षता हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाता हैं और वो भी यही मानकर चलती हैं। महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना हैं। ताकि वे अपने निर्णय स्वयं ले सकें।
3.घरेलू हिंसा में कमी-
ऐसा नहीं हैं अशिक्षित और ग्रामीण क्षेत्रों में ही घरेलू हिंसा होती हैं। शिक्षित महिलाएं भी इसका शिकार होती हैं। अन्तर इतना ही हैं एक शिक्षित महिला अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं और अशिक्षित महिला की आवाज़ को दबा दिया जाता है। महिला सशक्तिकरण से इस प्रकार की घटनाओं में कमी आयेंगी।
4.गरीबी कम होगी
महिलाएं पुरुषों से कन्धा मिला कर चलेगी तो परिवार का निर्वहन आसानी से हो जायेगा और महिलाएँ आत्मनिर्भर भी होंगी।
5 .प्रतिभाशाली महिलाओं का उदय-
अक्सर देखा जाता हैं महिलाओं की क्षमता को समाज अनदेखी करता हैं। जिससे प्रतिभा का अन्त हो जाता हैं। अगर महिलाएं शिक्षित होगी तो अपने हुनर को पहचान पायेंगी।
6.महिलाओं को समाज में समानता-
महिलाओं को समाज में समानता मिलने से पुरूष समाज भी उसका सम्मान करेगा। इससे महिलाओं के प्रति होने वाली घटनाओं में कमी आयेंगी। महिलाओं का सशक्तिकरण ही, देश और दुनिया का विकास हैं।