संदीप सिंधवाल

Abstract

4.0  

संदीप सिंधवाल

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महामारी से सबक

महामारी से सबक

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एक सबक जी मेरे देश के लोगों लेने की जरुरत है दूसरे देशों से। 

भारत अमेरिका, चीन और इटली से तो सबक ले ही साथ ही वहां 

भी देखे जहां अभी तक ये संक्रमण फैला ही नहीं। 


महामारी की इस विपदा में कुछ छोटे छोटे देश ऐसे भी हैं जो बहुत

ही संवेदनशील है और इस कोरोनावायरस की इस विपदा से 

लड़ने के लिए बहुत ही सतर्क रहे हैं परिणाम ये निकला वहां इस 

बीमारी से संक्रमित लोग ना के बराबर है। 


मैं बात कर रहा हूं पपुआ न्यू गिनी की जो ऑस्ट्रेलिया से अलग 

हुआ एक स्वतंत्र देश है। मै यहां विगत पांच सालों से हूं। यह देश 

प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। चीन के बाहर फैलते ही यह देश 


बहुत ज्यादा सतर्क हो गया था आने वाली सभी फ्लाइट को पूरी 

तरह से प्रतिबंधित किया गया था। सीमाओं को पूरी तरह से सील 

करने के बाद स्थानीय परिवहन को भी बंद किया गया। छोटे छोटे


टापू होने की वजह से यहां के शहर एक दूसरे से सड़क मार्ग से नहीं 

नहीं जुड़े हैं। फिर भी यहां के लोगों ने सरकार के हर आदेश का पालन 

किया और देश को बचाने में अपना सहयोग दिया। 


आज जहां अन्य देशों की बहुत ही दयनीय स्थिति है वहीं इस देश में 

सिर्फ एक मामला पॉजिटिव मिला था जो अब पूरी तरह से स्वस्थ हो 

चुका है। संक्रमण के पिछले 3 से ज्यादा महीनों में अभी यह देश पूरी 

तरह से सुरक्षित है। 


इसके विपरित हमारा भारत है जहां जबरन की जलसे मनाए जा रहे है। 

सोशल मीडिया पर यह बीमारी हंसी का पात्र बनी हुई है। चुटकुले, जोक

मजाक, अभद्र विडिओ धड़ले से वायरल हो रहें हैं। 


यहां पर वायरल हुए विडिओ लोग देखते हैं तो बहुत ही अचंभित हो जाते हैं

खासकर वो जिसमें पुलिस लोगों की कुटाई करती हुए दिखाई दे रही

है। अन्य देशों में पुलिस के ऐसे व्यवहार दिखाई नहीं दिए क्योंकि वहां लोग 

खुद ही समझदार हैं। भारत विपदा की इस घड़ी में भी राजनीति करना नहीं 


छोड़ रहा है। धर्म के नाम पर ही करोना जेहाद चलाया जा रहा है। लाखों 

मजदूरों इधर से उधर धकेला जा रहा है। यह एक बहुत ही सोचनीय स्थिति 

पैदा हो गई जिसे जल्द से जल्द खत्म करने की जरुरत है । 

जैसा कि सभी को पता है यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है अमीरी 


गरीबी धर्म जात कोई मायने नहीं रखता तो ऐसे समय सबको साथ चलने की 

जरुरत है। बिना घबराए, एक दूसरे का हौसला बढ़ा कर, गरीबों की मदद से, 

एकजुट होकर ही इस महामारी का मुकाबला किया जा सकता है। ये जो सीख 

और सबक है वो हमें लेनी ही पड़ेगी। 


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