मेरा प्यार और मेरा यार
मेरा प्यार और मेरा यार
ना जाने क्यूं जिन्दगी ने
मुझे मुझसे बैर कर लिया
जिस जिसके लिए सबको अनदेखा किया
उसी ने गैर कर दिया।
सोचता था उसके बिना
मेरी सांसे मेरी नहीं हैं
बताया था दोस्तों ने वो चाहती है
किसी और को वो तेरी नहीं है।।
लड़ लेता था दोस्तों से
कहता था वो मेरा प्यार है
शीशे के सामने खुद को
देखा तो दिल तो दिल
पीठ पर भी उसी का बार है।
कहता था समझाऊँगा उसे अपने
प्यार को उसी से मरहम लगवाऊँगा
क्या पता था जख्मों पर मरहम नहीं
नमक लगाएगी और मर मैं जाऊंगा।
गया था इश्क़ की अदालत मैं
सोचा आज फैसला होगा
क्या पता था वकील सबूत गवाह
और जज भी उसी का होगा।
ऊब गया था जिन्दगी से
इसे खत्म करना चाहा मैंने
चला जब मरने सामने
दोस्तों को पाया मैंने।
बोले क्यूं हमारी दोस्ती को
धब्बा लगा रहा है
छोड़ के हमको एक
लड़की के लिए मरने जा रहा है।
इतना कह कर
दोस्तों ने चाँटा मारा था
सच कहूँ यारो वो
चाँटा प्यार से भी प्यार था।