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Hemlata Sharma MALVI BHOLI BEN

Inspirational

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Hemlata Sharma MALVI BHOLI BEN

Inspirational

मैं भेंट नहीं लूंगा

मैं भेंट नहीं लूंगा

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एक बार रतन टाटा कपड़े की एक मिल देखने गए। मिल के गोदाम में पहुंचे तो उन्हें कई साड़ियां दिखाई गई। उन्होंने साड़ियों की प्रशंसा करते हुए पूछा-" इनका मूल्य क्या है ?"

" जी यह पंद्रह सौ रुपए की है और यह एक हजार रूपये की और...." मालिक साड़ियों की कीमत बताने लगा।

तब रतन टाटा बोले-" अरे भाई, यह तो बहुत कीमती है। मुझे कुछ कम मूल्य वाली साड़ियां दिखाइए ताकि मैं खरीद सकूं।"

तब मिल मालिक ने कहा-"महोदय आप तो हमारे सम्माननीय हैं आप यहां जो साड़ी पसंद करेंगे, हम आपको भेंट स्वरूप दे देंगे।" नहीं, मैं भेंट नहीं लूंगा । मैं सम्मानीय हूं तो इसका मतलब यह नहीं कि जो चीज में खरीद नहीं सकता वह भेंट स्वरूप लेकर अपने परिवार को दूं।

मिल मालिक उनके द्वारा अपने पद का फायदा न उठाने पर व अपनी हैसियत में रहने की उनकी नीति के सामने नतमस्तक थे।


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