आज उसे फिर से वो भिखारी खुद से ज्यादा अमीर लग रहा था। आज उसे फिर से वो भिखारी खुद से ज्यादा अमीर लग रहा था।
बीवी-बच्चों के लिए कुछ लेने के लिए बाजार की तरफ मुड़ गया। आखिर उन्हें भी तो खुश करना है। बीवी-बच्चों के लिए कुछ लेने के लिए बाजार की तरफ मुड़ गया। आखिर उन्हें भी तो खुश क...
पद का फायदा न उठाने पर व अपनी हैसियत में रहने की उनकी नीति के सामने नतमस्तक थे। पद का फायदा न उठाने पर व अपनी हैसियत में रहने की उनकी नीति के सामने नतमस्तक थे।
बूढ़ी "माँ " की यही गलती थी की वो बूढ़ी हो चुकी थी। बूढ़ी "माँ " की यही गलती थी की वो बूढ़ी हो चुकी थी।
अब इ कौन न्याय है, कौन सुराज है। थके कदमों से हताश रतन घर लौट रहा था। अब इ कौन न्याय है, कौन सुराज है। थके कदमों से हताश रतन घर लौट रहा था।
तुम समझते नहीं मेरे भीतर भी कतरे कतरे में हैवान बहुत है। तुम समझते नहीं मेरे भीतर भी कतरे कतरे में हैवान बहुत है।