लव यू जिंदगी
लव यू जिंदगी
का हॉल आज फिर से अनेक भावुक पलों का गवाह बनने जा रहा था। हर वर्ष 12वीं के बच्चों की विदाई समारोह के अवसर पर स्कूल का सबसे चहकने वाला, ये बड़ा कमरा मिश्रित भावों से भर जाता है। 12वीं के सभी स्टूडेंट्स आज आखिरी बार इस हॉल में एकत्रित हुए थे। अपने प्रिय शिक्षकों का आशीर्वाद लेने व उन्हें सुनने के लिए।
सभी अध्यापक बारी बारी से मंच पर आ उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं व अपना संदेश दे रहे थे।
सबसे अंत में प्रिंसिपल मैम मंच पर आई। उनके आते ही हॉल में सन्नाटा पसर गया। उनकी छवि विद्यालय में एक कठोर व अनुशासित अध्यापिका के रूप में थी। बच्चे उनसे एक दूरी बना कर चलते हैं। उनको सामने देख सभी बच्चे एकदम चुप हो गए।
उन्होंने हॉल में एक बार नजर दौड़ाई और मुस्कुराकर बोली "आज मैं आपको ना कोई भाषण दूंगी ना ये पूछूंगी कि जिंदगी में आपको क्या बनना है। बस मैं आज आप सबको आशीर्वाद के रूप में एक मूल मंत्र देना चाहूंगी। जिसको आप मेरे साथ दोहराओगे ही नहीं बल्कि इसे अपने जीवन में अपनाओगे भी।
बच्चों भावी जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आएंगे लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे बच्चे उन कठिनाइयों को देख टूटेंगे नहीं अपितु उनका डटकर मुकाबला करेंगे। क्योंकि यह तो आपको पता ही होगा सफलता का असली मजा वही उठा सकता है, जिसने असफलता का स्वाद चखा हो। क्या आप सब मेरी इस बात से सहमत हैं!
सभी बच्चों ने एक स्वर में हां कहा।।
तो एक साथ सभी मेरे साथ बोलिए।"
'लव यू जिंदगी,लव यू जिंदगी!'
इस एक वाक्य ने बच्चों के दिलों पर छाई घबराहट को दूर कर, उनके चेहरों पर फिर से मुस्कुराहट फैला दी।