लॉक डाउन डे 10
लॉक डाउन डे 10


डियर डायरी,
तो आज है क्वारंटाइन का दसवां दिन। सबको टेंशन है कि लॉक डाउन में बाहर जाना बंद अब घर मे समय कैसे पास करे। लेकिन यह बात सिर्फ मर्दो और बच्चो पर ही फिट बैठती है क्योंकि महिलाओं का समय तो अपने आप ही काम की व्यस्तता में पास हो रहा है। पहले तो महिलाएं बच्चो के स्कूल जाने और पति के ऑफिस जाने पर भी घर का काम निपटा कर कुछ समय खुद के लिए निकाल लेती थी लेकिन लॉक डाउन ने उनके इस समय को भी छीन लिया है अब तो सारा दिन बच्चो और पति की फरमाइशें पूरी करने में ही निकल जाता है।
आज मेरी एक सहेली से फ़ोन पर बात हुई उसने बताया कि जब से लॉक डाउन शुरू हुआ है उसके पति दिन भर टीवी के सामने या बिस्तर पर बैठे मोबाइल चलाते रहते है और खाना कब टेबल पर लगेगा इंतजार करते रहते है उनका काम बैठे बैठे सिर्फ आर्डर करने का होता है। जब तक उनसे कहा नही जाए उठ कर पानी का गिलास भी नही लेते। बच्चे घर मे दिन भर हुड़दंग करते है वो अलग। ऐसे मे वो झुंझला जाती है और थकान होना भी स्वाभाविक है इस बीच उसे अपने लिये बिल्कुल भी समय नही मिलता।
उसके फोन रखने पर मैं सोचने लगी कि मेरी किस्मत इस मामले में थोड़ी अलग है। मेरे पति में बिल्कुल भी यह अहं नही है। वो कभी यह नही सोचते कि यह काम मेरा नही है या ये काम मुझे नही करना चाहिए। मेरे हर घरेलू कामो में चाहे वो किचन में मेरी हेल्प हो, चाहे बच्चे को संभालना हो हर छोटे बडे काम मे मेरी मदद करते है। जब पति ऑफिस जाते थे तब जरूर मेरा सारा दिन व्यस्त रहता था। भोजन, कपडे धोना, बच्चो की देखभाल, फल सब्जी की खरीददारी सब काम मेरे ही जिम्मे था। पर अब लॉक डाउन के कारण पति घर पर ही रहते है आजकल मेरा आधा काम उन्होंने हथिया लिया है उनका कहना है कि अकेले फ्री बैठने से अच्छा है दोनो मिलकर काम करते है और दोनो साथ मे फ्री बैठते है। छोटे से छोटे काम मे भी मेरा सहयोग करते है। उन्होंने कभी यह एहसास ही नही कराया कि यह काम मेरा नही है या मैं कैसे कर सकता हु।
अब मैं अपने खुद के लिए पहले से ज्यादा समय निकाल लेती हूँ । मुझे लिखने का शौक है। मुझे डिस्टर्ब न हो इसलिये बेटे को भी अकेले संभाल लेते है। सच कहूँ तो स्वयं को बहुत लकी मानती हूँ कि मुझे उनके जैसा पूर्ण सहयोग करने वाला जीवनसाथी मिला है।
हम दोनों का मानना है कि मिलजुल काम करने से न केवल काम आसान होता है बल्कि प्यार भी बढ़ता है साथ ही दोनो को एक दूसरे के करीब रहने का मौका भी मिलता है।