लोग कहते हैं
लोग कहते हैं
सुनन्दा एक बहुत ही व्यवहार कुशल महिला थी। उसकी दोस्ती बहुत जल्दी हो जाती थी ! वो सबकी बातों पर ध्यान भी देती तो सब उस से खुश रहते थे।
गुरुर न होने के कारण बेहद लोकप्रिय थी। जबकि उसी की सोसाईटी में संगीता नाम की महिला थी जिसमे गुरुर भरा हुआ था
गुरुर होने के कारण कोई उस से बात भी नहीं करना चाहता था।
संगीता को जब सोसाईटी में प्रोग्राम कराने का मौका मिला तो कोई भी उसके साथ खड़ा नहीं हुआ वही जब सुनन्दा की बारी आई तो उसकी सारी सहेलियों एक साथ खड़ी हो गयी औऱ चुटकियों में भव्य समारोह आयोजित हो गया। सभी ने उसका साथ दिया पर सबसे ज़्यादा उसका साथ दिया रीमा ने ।
रीमा उसकी बहुत अच्छी सहेली थी।
दोनों जब एक साथ कोई काम करती थी तो ज़बरदस्त होता था इसीलिए शायद लोग कहते है कि एक औऱ एक ग्यारह होते हैं।