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Anshuman Mishra

Abstract

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Anshuman Mishra

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लम्हे जिंदगी के -सही फैसला

लम्हे जिंदगी के -सही फैसला

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जीवन में कुछ लम्हे ऐसे आते हैं, जब आगे अंधेरा दिखता है। लेकिन इन लम्हों में जिंदगी के तार या तो सीधे हो जाते हैं या तो और उलझ जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ आयशा के साथ, जब उसे अपने माता-पिता में से एक को चुनने को कहा गया। वह बहुत दुखी हो गई, दिन रात रोती रही।

आखिरकार उसने अपनी मां के साथ जाने का निश्चय किया। कुछ समय तक सब कुछ ठीक चला परंतु कुछ समय बाद आयशा  के पिता की तबीयत खराब हो गई आयशा को यह बात पता चली, उसकी मां तो उसे घर पर बंद करके काम पर गई थी इसलिए उसे खिड़की से जाना पड़ा। उसके बाद आई आयशा की मां आयशा को ढूंढते ढूंढते उसके पिता के घर तक पहुंची।जैसे ही उसे आयशा के पिता की हालत के बारे में पता चला उसकी मां भी कुछ दिन के लिए वहीं रुक गई। एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे पूरा परिवार फिर एक हो गया। तो दोस्तों आपने कैसे बताएं थे,यह लम्हे जिंदगी के ? 


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