vijaya samundeswari

Horror Fantasy Thriller

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vijaya samundeswari

Horror Fantasy Thriller

लाल बालों वाली लड़की भाग-1

लाल बालों वाली लड़की भाग-1

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आधी रात हो चुकी थी और बारिश की गति बड़ते ही इवांका जाग जाती है। लेकिन यह सिर्फ बारिश नहीं है जिसने इवांका को जगाया। ये एक ऐसी चित्र है जो इवांका के दिमाग में हमेशा एक बुरे सपने के रूप में उभरता रहता है। वह अचानक से डर कर परदे खोलकर खिड़की के पास बैठ गई। निक्टोफोबिया मानो इवांका को डरा देता है। निकटोफोबिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे इंसान को अंधेरे से डर लगता है। उसने फोन से अपना टॉर्च चलाया और रसोई की तरफ़ चल पड़ी। रसोई में गाजर का केक फ्रिडज मे रखा था। इवांका की मां हर शुक्रवार को वेगन केक बनाती हैं। इसी बीच अचानक रसोई में जले हुए एल्युमीनियम के तार की जलने की महक आने लगी। उसने देखा कि ओवन अभी भी चालू है। उसने दौड़कर उपकरण बंदकर दिया। वह डाइनिंग टेबल पर बैठ गई और खिड़की से बारिश को गिरते हुए देखकर केके खाने लगी। 

अचानक से रसोई में एक आवाज गूंजने लगी लेकिन इवांका ने ऐसा बरताव किया जैसे उसने सुना ही नही। वह हमेशा इसे निक्तोफोबिया का साइड इफेक्ट समझती हैं। ठीक यही आवाज़ इवांका को अपने बुरे सपने मे भी सुनाई देती है। 

"मुझे ऐसे बुरे सपने क्यों आते हैं? मैं निक्टोफोबिया से पीड़ित क्यों हूं?" उसने खुद से पूछा

केक खत्म करने के बाद वह अपने बेडरूम में जाती है और बिस्तर पर लेट जाती है। उसका कमरा उसे ऐसा महसूस कराता है जैसे वह रात में किसी पिंजरे में फंसी हो। अगले दिन ठीक 10 बजे उसकी नींद टूट जाती है। कुछ कौओं का एक झुंड उसकी खिड़की के पास बटकर कों कों कर रहे होते है।

"ये बदसूरत कौवे !! मुझे उनसे नफरत है!" इवंका चिढ़कर बोली

इससे पहले कि उसकी माँ ये न देखले कि इवंका अभी तक नहाई नहीं , उसने नहाकर जल्दी से अपने कपड़े बदल लिए। इवांका की मां बहुत धार्मिक हैं। इवांका एक भारतीय लड़की है जो लॉस एंजल्स में अपनी सिंगल मदर के साथ रहती थी। इवंका बंगाल की रहने वाली है । वो धार्मिक या आध्यात्मिक व्यक्ति होने में विश्वास नहीं करती हैं। लेकिन इवंका की माँ इन सब मे बहुत विशवास रखती है। अपनी हाइ स्कूल के लिए वह लेट हो रही थी। उसने कुछ कुकीज मुह मे दबाकर घर से बाहर निकल गई।

"हनी रुको !! यह प्रसाद लो", गलियारे से इवांका की मां ने छिलाया

हर बार इवांका की मां उनकी पसंदीदा मिठाई को प्रसाद के रूप में बनाने की कोशिश करती हैं। बस उम्मीद है कि किसी दिन इवांका भगवान के सामने हाथ जोड़ेगी और हर भारतीय की तरह दैनिक अनुष्ठानों में भाग लेंगी। लेकिन वह हमेशा असफल रही है। आज भी।

जितना खूबसूरत लॉस अंगल्स है उतना ही सुंदर इवंका का हाइ स्कूल और उसके स्टूडेंट्स है। लेकिन अक्सर लोग खुब्सुरुती के पीछे का चेहरा नहीं जान पाते और कुछ जानना पसंद भी नहीं करते। लेकिन इवंका हर चेहरे और परदे के बारे मे जानती है। मानो जैसे इवंका किसी का दिमाग पढ़ लेती हो। 

इवांका आज बहुत उत्साहित हैं क्योंकि गर्मी की छुट्टी के बाद आज स्कूल में पहला दिन है। भले ही लिया के अलावा उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे, वो भी सिर्फ उससे असाइनमेंट के जवाब पूछने के लिए ही इवंका से बात किया करती हैं। लेकिन फिर भी वह स्कूल जाना पसंद करती है। इवंका को भीड़ भरी जगह और ज़्यादा रोशनी पसंद नहीं था। अब ये बात तो इवंका को भी नहीं समझ आता की उसे अंधेरे से डर भी लगता है और ज़्यादा रोशनी भी पसंद नहीं। इसी की वजह से कोई इवंका से बात नहीं करता अगर कोई करना भी चाहे तो वो उसे भागा देती है। कुछ बचे इवंका को अजीब समझते है। इवंका का बस तीन ही काम है; स्कूल जाना, लिया का असाइन्मंट मे मदद करना और बोर होकर घर लोटना। 

जैसे ही उसने स्कूल में कदम रखा उसने हर जगह बच्चे भेड़ों की झूड़ जैसे दिख रहे थे। मानो किसी तरह का म्यूजिक कोङ्केर्ट हो। दोस्त आपस में टकराते , कपल कोने में चूमते हुए, बेवकूफी भरी बातों पर सट्टा लगाते हुए और खुद को सबके बीच अकेले महसूस करते हुए इवंका गेट पर खड़ी सबको देख रही थी।

इवंका बिना किसी से बात किए सीधा स्कूल बिल्डिंग मे गुस गयी। जैसे ही वह अंदर पहुंची उसे भीड़ और भी ज़्यादा दिखने लगी। बाहर से कम जगह है अंदर पर फिर भी सबसे ज़्यादा भीड़ तो बिल्डिंग मे है। आज स्कूल का सबसे पहले दिन है इसीलिए सारे बच्चे आज स्कूल मे है। दूर से इवंका को लॉकर सेक्शन दिखा। वह भीड़ को चीरते हुए और सबसे टकराते हुए अपने लॉकर नं. 78 तक पहुँच ही गयी। लॉकर मे उसे धूल से ढके बैंगनी रंग का एक स्क्रफ और अपनी माँ की एक पुरानी तस्वीर के अलावा कुछ नहीं मिला। वह कुछ देर तक तस्वीर को घूरती रही और इसी बीच सेत ने पीछे से आकार इवंका के गालों को ज़ोर से खिचा। इवांका पीछे सेत की ओर मुड़ते ही उसकी गालों पर लालिमा छाने लगी। लेकिन यह शर्मीली 17 साल की प्यारी सी लड़की की तरह नहीं बल्कि एक पागल और गुस्से से भरी इवंका की थी। सेत ने अपनी चमकदार काले जुल्फ़्हो को पीछे धकेला और मुस्कुराया।

"आपने पिछले साल मौका गंवा दिया, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस बार आप नहीं करेंगी," सेत ने कहा

"ओह सेत! मुझे प्रोम में कोई दिलचस्पी नहीं है। और ख़ासकर तुम्हारे साथ तो बिलकुल नहीं"

सेठ की मुस्कान गायब हो चुकी थी और वह एक कदम आगे बढ़ा और दृढ़ता से कहा। हमेशा की तरह इवांका ने परवाह नहीं की और क्लास के लिए निकल गई। एक पूरे स्कूल मे सेत ही है जो इवंका के पीछे पागल दीवाने की तरह घूमता रहता है। लेकिन सेत का ये पागलपन कभी कभी भयानक रूप ले लेता है।

जैसे ही वह जीव विज्ञान की कक्षा की ओर जा रही थी, वह असाइनमेंट के बारे में सोच रही थी। जिसे वह लिया को समझाएगी जो शायद सभी छुट्टियों को शॉपिंग मे और सोने मे गुज़ारी होगी। जब वह अंदर पहुंची उसने बेंच को खाली देखा। जहां लिया आमतौर पर बैठती है। लेकिन लिया इवांका की सीट के बगल वाले पंक्ति में ही बैठी थीं। उसकी सामान्य जगह पर एक भूरे रंग का चमड़े का बैग था। ऐसा लगता है कि किसी जासूस का बैग हो।

इवांका अक्सर जिज्ञासु हो जाती हैं। भूरे रंग का चमड़ा ऐसा लगता था जैसे यह प्राचीन काल का हो। बैग का खिचा हुआ चमड़ा अपनी उम्र बता रहा था और हैंडल पतले थे। क्लास शुरू हो चुकी थी लेकिन सीट खाली ही रही। इवांका कुछ देर तक सीट को देखती रही और फिर लैक्चर पर ध्यान देकर सुनने लगी। बीच बीच मे वो पीछे मुड़कर देख भी रही थी लेकिन कोई नहीं आया। और फिर वो भूल गयी। क्लास के बीच मे एक तेज गर्म हवा का झोका उसकी गर्दन से होकर गुज़रा। मानो जैसे लूह की तप्ति गरम लहर कानो को सेकती हुई उसके बालों को हवा में लहरते हुए निकली। लेकिन हवा इतनी भी तेज नहीं की वो अपना धियान भटकाये।

"मुझे आशा है कि आप सभी कल तक अपने प्रोजेक्ट के टोपिक्स के साथ तैयार रहेंगे," प्रोफेसर ने कहा

इवांका ने अपना सिर खुजाया और विषयों के बारे में सोचने लगी। इवंका इस बार कुछ ज़बरदस्त प्रोजेक्ट बनाना चाहती थी। न की पिछली बार की तरह कुछ नकल करके। उसने अपनी डायरी निकाली और कुछ शैलियों के बारे में लिखने लग गयी। लेकिन जल्द ही इवंका ने नोटेबूक बंद कर दी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। अब जो कभी परीक्षा के लिए भी तैयारी नहीं करती हो वो अचानक से कैसे पढ़ लेगी।

"मुझे लगता है कि यह प्रोजेक्ट भी मुझे इस बार परीक्षा में फ़ेल होने से नहीं बचा सकेगी। इस बार तो माँ मुझे सचमुच में बरगद के पेड़ पर लटका देगी," वह बुदबुदाती हुई

वह अपना बैग लेने के लिए पीछे मुड़ी ही थी लेकिन पीछे मुड़कर देखा तो वह चौंक गई। जिस सीट पर लेदर बैग रखा हुआ था, उस पर एक लाल बालों वाली लड़की बैठी थी। इवांका ने उसे क्लास में आते हुए नहीं देखा। इवांका ही नहीं बल्कि किसी भी सहपाठी ने गौर नहीं किया।

हर कोई उस नई लड़की को उत्सुकता से घूर रहा था लेकिन उसने सभी को नजरअंदाज कर दिया और खुद को किताबों के साथ मसरूफ़ रखा। पूरी क्लास नई लड़की के बारे में गपशप करने लगी। अगले पूरे सत्र में इवांका बस लड़की को देखती रही।

जैसे ही घंटी बजी लड़की उठी और हवाईजहाज की तरह कक्षा से निकल गई। इवांका उसकी बिजली सी गति को देखकर हैरान हो गईं। इवांका ने जल्दी से अपना सामान इकट्ठा करके उसका पीछा करने निकल गयी। लेकिन वह जा चुकी थी। इवांका उस लड़की को पूरे स्कूल मे ढूंद्ती रही लेकिन उसे कही नहीं मिली। इवंका कुछ देर बाद सोचने लगी की आखिर क्यूँ वो उस लाल बालों वाली लड़की को ढूंढ रही थी। आखिर ऐसा क्या था उस लड़की मे जो इवंका को अपनी तरफ खिच रही थी। वो इवंका जिसे किसी का साथ नहीं पसंद, जो सेत जैसे लड़कों को भाव नहीं देती उसे एक लड़की में क्या दिखा ? क्या वो उसके लाल बाल थे या उसका यूं मिंटो मे स्कूल से गायब हो जाना ? आखिर क्या था वो कारण ?


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