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कुछ बातें अधूरी रह गईं भाग-३

कुछ बातें अधूरी रह गईं भाग-३

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यहाँ काव्या अपना एक पेपर देने कोटा गई हुई थी| वहाँ ट्रैन में एक लड़की से उसकी मुलाकात हुई जो खुद पेपर देने जा रही थी| उससे बात करते हुए उसने बताया कि, "मैं बैंक की तैयारी कर रही हूँ और इंदौर से अपना ग्रेजुएशन पूरी कर रही हूँ|" उस लड़की ने अपना नाम रिया बताया था|

चूंकि सफर लम्बा था तो कई तरह की बातें हुई| उसमें रिया ने अपनी मोहब्बत की बातें खोल कर रख दी| जिस तरह रिया खुश होकर फिर दुखी होकर अपनी बात बता रही थी, उससे साफ झलक रहा था कि वह आदि से कितना प्यार करती थी मगर काव्या को बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि यह मेरा वाला आदि है| दोनों ने एक दूसरे का नम्बर ले लिया और अपने अपने स्टॉप पर उतर गई| काव्या अपना पेपर देकर जैसे-ही घर पहुंची तो आदि की माँ और पिता, उसके घर पर बैठे थे| आदि की माँ ने उसे पास बुलाया और मिठाई का डिब्बा देकर कहा, "अब तुम हमारी हुई|" आदि की माँ अपने आदि का रिश्ता लेकर जो आई थीं| काव्या शर्मा कर अंदर चली गई| रिश्ता पक्का ही था| आदि को जब यह सब बताया तो उसने मना कर दिया| आदि की माँ ने उसे पहले घर आने को कहा| आदि घर आ गया| आदि की माँ ने उसे समझया कि पहले उस लड़की से मिल तो ले, फिर तो जो कहेगा वही होगा| आदि तैयार हो गया| आदि को मिलने के लिए पास के एक रेस्टोरेंट में भेज दिया| काव्या वहाँ पहुंची, आदि उसका इंतज़ार कर रहा था| आदि ने जैसे ही काव्या को देखा वह देखता ही रह गया| यह उसकी पहली पसन्द जो थी मगर अब उसकी पसंद रिया थी नाकि काव्या| कुछ देर बात हुई फिर आदि और काव्या घर वापस आ गए| आदि ने मना कर दिया कि मैं शादी नहीं कर सकता| मैं किसी और से प्यार करता हूँ| आदि ने सारी बात माँ को बता दी, आदि की माँ ने समझया कि, "उसे अब भूल जा, पता नहीं वो कहाँ होंगी और क्या पता उसकी शादी भी हो गई होगी| काव्या को मैं अच्छे से जानती हूँ, वह एक अच्छी लड़की है| तुझे हमेशा खुश रखेगी| मेरी खातिर हाँ बोल दे बेटा|"

आदि ने माँ की खातिर हाँ बोल दिया पर आदि दिल से ख़ुश नहीं था| शादी की तैयारी होने लगी| शादी के कार्ड छप गए| काव्या ने अपनी सारी फ्रेंड्स को कार्ड भेज दिए जिसमें रिया भी शामिल थी| कार्ड जब रिया को मिला तो ख़ुश हुई मगर जब उसकी नज़र कार्ड पर लगी आदि की फोटो पर गई तो उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई| उसके कुछ भी समझा में नहीं आ रहा था कि क्या हुआ| वह उस कार्ड को सीने से लगा कर पुरे दिन रोई| माँ और पिता कहीं बाहर गए हुए थे| उसने सुबह से कुछ नहीं खाया और न ही पानी पिया| उसका बुरा हाल था| शादी से पहले कुछ काम से आदि कॉलेज आया हुआ था| उस रात उसकी सिस्टर की तबियत खराब हो गई, उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया और वहाँ जब रिया के पड़ोसी ने रिया को बेहोशी की हालत में पाया तो उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे| आदि भी उसी हॉस्पिटल में था| उसकी बहन रिया के बगल वाले रूम में ही एडमिट थी| रिया तो वहाँ एडमिट रही मगर आदि और रिया मिल ना पाए| रिया के घर वाले वहाँ पहुंच गए थे मगर उनके समझ में कुछ नहीं आ रहा था| रिया को कमजोरी की वजह से खून चढ़ना था मगर उसका ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं हो रहा था| ब्लड चढ़ना बहुत जरूरी था| रिया की माँ वहाँ चेअर पर बैठकर रो रही थीं| आदि उनके पास आया और उसने चुप कराकर पूछा, "क्या बात है, आंटी?" रिया की माँ ने सब बता दिया| आदि मुस्कुराया और बोला, "बस इतनी-सी बात, मैं ब्लड दूँगा| मेरा ब्लड ग्रुप सेम है|" रिया की माँ ने आदि को गले से लगा लिया|

आदि का ब्लड रिया को चढ़ा दिया| यहाँ उसकी सिस्टर ठीक हो गई थी| उसे डॉक्टर ने छुट्टी दे दी थी| आदि को उसे लेकर घर निकलना था मगर उसकी एक रिपोर्ट के लिए वह रुका था| आदि ने अगले दिन रिपोर्ट ली और रजिस्टर में साइन किया और बगल में रखे हुए रजिस्टर पर नज़र गई तो देखा कि उस पर रिया की फोटो और उसकी इनफार्मेशन थीं| रिया की फोटो देख़ते ही उसकी हार्ट बीट तेज़ सी हो गई थीं| वह उसके रूम की तरफ जोर से भागा मगर रिया भी वहाँ से जा चुकी थी| जब उसने पता किया तो वह वही लड़की थी जिसे उसने खून दिया था| नर्स ने बताया कि ज्यादा टाइम नहीं हुआ है| वह अभी नीचे ही पहुँचे होंगे| आदि भागता हुआ नीचे पहुंचा तो रिया कार मे जा रही थी| उसने अपनी बाइक से पीछा किया ओर एक मोड़ पर एक ट्रिक से आदि का एक्सीडेंट हो गया| आदि की मौत हो गई| वहाँ रिया घर पहुंचकर मौका देखकर जब कोई उसके पास नहीं था, अपने हाथ की नस काट ली| उसे भी बचाया ना जा सका|जब कार्ड मिला कि नहीं यह पूछने के लिए काव्या ने फोन किया तो उसे सारी बात पता चली| उस पता चला कि रिया अब इस दुनिया में नहीं रही| तुम्हारे कार्ड को उसने सीने से लगाया हुआ था| काव्या की समझ में आ गया कि उसका आदि और रिया का आदि एक ही है| रिया की मौत का जिम्मेदार वह खुद को ठहरा रही थी| पीछे से उसकी माँ की आवाज आई, उसने रोते हुए काव्या को गले से लगा लिया और आदि की मौत की खबर सुनाई| वह इतना बड़ा बोझ लेकर कैसे जीती| उसके लिए जीना अब आसान नहीं था| उसने भी एक फैसला लिया कि मुझे भी सजा मिलनी चाहिए| उसने भी जहर खाकर अपनी जान दे दी|

इस कहानी में रिया और आदि कभी अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाए| यहाँ तक कि एक दूसरे की मौत की खबर भी नहीं मिल पायी लेकिन आखिरी वक्त में दोनों एक दूसरे की फोटो को देख जरूर लिए थे|


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