STORYMIRROR

Gopal Yadav

Romance

4  

Gopal Yadav

Romance

कॉलेज वाली लड़की

कॉलेज वाली लड़की

10 mins
774

दोस्तों यह मेरी ज़िन्दगी का एक किस्सा है जो मेरी कॉलेज लाइफ में घटा आप पढो और बताओ मुझे आपकी प्रतिक्रिया।

प्रियंका कैसी है तु ? मैंने सोफे में अपने आप को धंसाते हुए कहा।

ठीक हूँ भाई, आप कैसे हो ? बड़े दिनों के बाद आये हो लगता है बहिन की याद नहीं आती है, प्रियंका ने कहा।

अरे! ऐसी बात नहीं है तुझे तो पता है ये कॉलेज में पढ़ाना फिर कोचिंग और टूशन्स सारा दिन बिजी रहता हूँ, इसीलिए आ नहीं पाता हूँ, खैर ये ले इस बार का तेरा गिफ्ट तेरी साडी,मैंने बेग देते हुए कहा।

शुक्रिया भैया, मम्मी कहा हो, देखो गोपाल भैया आये है, जल्दी आओ और पानी लेते आना उनके लिए, प्रियंका ने जोर से आवाज लगाते हुए कहा।

गोपाल, कैसा है? तुझे कैसे टाइम मिल गया आज प्रियंका से मिलने का? उन्होंने पानी का गिलास देते हुए कहा।

नमस्ते आंटीजी, आप तो कभी आते नहीं हो घर पर और मुझसे पूछते हो कैसे टाइम मिला? मैंने मंद मुस्कुराहट के साथ कहा।

बाकि घर में सब लोग कैसे है मम्मी पापा और सब ? उन्होंने गिलास की ट्रे को टी टेबल पर रखते हुए, सोफे पर बैठते हुए कहा।

सब ठीक है और आप कैसे है? वो पीठ दर्द ठीक हुआ आपका ?

हाँ ठीक है, अब तो फर्क भी नहीं पड़ता है, रोज का है तो होता रहता है, उन्होंने दोनों घुटनों पर अपने हाथ रखते हुए कहा।

आप किसी अच्छे डॉ को दिखाओ न ? मैंने कहा

हा वही तो पर इनको कहा कुछ फर्क पड़ता है, प्रियंका बीच में बोल पड़ी

अरे बेटा अब तो बस शालिनी का रिश्ता तय हो जाये फिर सुकून मिल जाये मुझे,तेरे पापा के जाने के बाद तुम दोनों ही तो मेरे लिए जीने की वजह हो बस तुम दोनों की ज़िन्दगी संवर जाये।

अरे आंटीजी आप टेंशन मत लो शालिनी को बहुत अच्छा लड़का मिलेगा, मैंने मुस्कुराते हुए कहा।

हा बेटा वही चाहती हूँ ! ठीक है तुम दोनों बैठ कर बाते करो मैं कुछ बना लेती हूँ इतने में, उन्होंने ने सोफे से उठते हुए कहा।

शालिनी....... प्रियंका ने जोर से आवाज लगाई।

शालिनी एक 6 साल की बच्ची के साथ आई।

नमस्ते सर! शालिनी ने कहा

नमस्ते !! मैंने कहा

आद्या मेरा बच्चा इधर आओ मम्मा के पास आओ, प्रियंका ने हाथो से इशारा करते हुए कहा।

देखो कौन आया है? मामाजी, मामाजी को हाय बोलो ! प्रियंका ने बड़ी प्यारी आवाज में आराध्या के छोटे से हाथ को हाथ में लेकर हिलाते हुए कहा।

मैंने प्रियंका की आँखों में देखा उसकी आँखे मेरी आँखों से मिली और हम दोनों जोर से हँसने लगे,दोनों के दिमाग ने एक साथ एक ही प्रतिक्रिया की।

कुछ वर्ष पहले

विज्ञान संकाय के प्रथम वर्ष की सबसे खुबसुरत लड़की प्रियंका थी सारे लड़के उससे बात करने को बहाने ढूंडते उसके पीछे-पीछे घूमते थे।

मैं नीट के लिए मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा की तैयारी के लिए एक साल का कोटावास पुरा करके उसमे असफल होकर लौटा था और यहाँ के स्थानीय कॉलेज में बीएससी में एडमिशन लिया था।

मैंने पहले दिन उसे देखा, गोरी चमकती चमड़ी, बड़ी काली आँखे,खुले लहराते बाल, तीखी नाक,सुडोल बदन,प्रियंका ने हलके भूरे रंग की जीन्स पहन रखी थी जो की उसकी त्वचा से चिपकी हुई थी और उसने ब्लैक टी शर्ट पहन रखा था, उसका बदन काफी कसा हुआ और सुडोल लग रहा था, प्रियंका बेहद खुबसुरत और आकर्षक लग रही थी, मुझे लगा जैसे किसी ने मेरे खून में पिघलता लावा डाल दिया हो, मेरी धड़कन बढ़ने लगी और मेरी नसों में खून तेजी से दोड़ने लगा।

उस दिन सारे लेक्चर में मैं उसे कनखियों से देखता रहा, एक दो बार उसकी नजरे मेरी नजरो से टकराई, जब भी उसकी नजरे मेरी नजरो से टकराती पता नहीं मेरी धड़कन को क्या हो जाता वो तेजी से धडकने लगती, मेरी आँखे मुस्कुराने लगती, मैंने बहुत बार अपनी धडकनों को नियंत्रित करने का प्रयास किया सच कहुं तो इस डर से की कही पुरी क्लास मेरी धड़कन की नादानी को सुन ना ले।

प्लाज्मोगेमी के दौरान सेल डीप्लोइड होती है या हेप्लोइड ? योगी सर ने मेरी और इशारा करते हुए पुछा।

जी.. सर मैंने टेबल पकड़ते हुए खड़े होते हुए सभी बच्चो पर नजर घुमाते हुए हुए कहा।

यस प्रियंका त्तुम बताओ ! सर ने कहा

Sir !!! During plasmogamy cell is haploid and it consist of two haploid nucleus

प्रियंका ने जवाब दिया।

वैरी गुड !! सर ने कहा

और तुम गोपाल कंसन्ट्रेट इन क्लास

धत तेरी हो गई बेईज्ज़ती मैंने मन ही मन कहा।

प्रियंका ने अपनी भोंहो को उपर चढाते हुए मुझे देखा।

मेरी नजर उससे मिली दिल पिघलने लगा मैंने होठ भींचते हुए लम्बी साँस ली और बैठ गया।

मैं पुरे दिन उसके बारे में सोचता रहा जहा भी वो मिलती उसे निहारता रहता, मुझे लगा जैसे मैंने बड़े दिनों बाद साँस ली हो,।

अगली सुबह।मैं कॉलेज पहुचा मेरी निगाहे अपनी मंजिल को ढूंडने लगी, मैंने इधर-उधर देखा आख़िरकार मेरी निगाहों की तलाश ख़तम हुई उन्हें ठंडक मिली, प्रियंका गेलेरी में थी पानी पी रही थी। उसने सलवार कमीज़ पहन रखी थी उसकी सलवार सफेद रंग की थी और उसने हलके लाल रंग की कमीज़ पहन रखी थी जिस पर छोटे-छोटे कांच लगे हुए थे और कमीज़ निचे की और अंतिम सिरे पर तिरछी कटी हुई थी उसके खुले बाल जो बार-बार उसके गालो को ढक रहे थे और वो उन्हे बार-बार अपने कानो के पीछे टिकाती पर उसके बाल बड़े जिद्दी थे,उसने बड़ी इयररिंग पहनी हुई थी,उसके कान के निचे की तरफ गर्दन पर एक काला तिल था वो बेहद खुबसुरत और आकर्षक लग रही थी बारिश की बूंदों की तरह, हरियाली की चादर ओढ़े किसी पहाड़ की तरह,बारिश के बाद फूलो की पत्ती से चिपकी हुई बारिश की बूंद की तरह, मेरी दिल ने वही किया जो हर बार करता था उसे देखने के बाद तेजी से धडकना,मैं उसकी तरफ बढ़ा।

मैं उसके पास पंहुचा मेरा दिल जोरो से धडक रहा थामैं उसके पीछे खड़ा था वह मेरी तरफ मुड़ी,एक बार फिर हमारी नजरे टकराई और उसकी नजरो का जादू चला।

पानी पिने आये हो? उसने पूछा।

जी नहीं मैं आपसे मिलने आया हूँ, आपसे बात करने आया हूँ, आपके बालो को सहलाने आया हूँ, आपके कान के निचे उस गर्दन के तिल को छुना चाहता हूँ, आपके इयररिंग की खनक सुनना चाहता हूँ, आपकी बदन की खुशबु को छुना चाहता हूँ, आपकी आँखों में मुस्कुराना चाहता हूँ,खुद को आपमें समाना चाहता हूँ, मैं ये सब उसे कहना चाहता था, पर कुछ नहीं बोल पाया बस उसे निहारता रहा।

एक्सक्युज मी ! उसने कहाँ।

जी पानी का गिलास ! मैंने कहा

हम्म !श्योर उसने पानी का गिलास मेरी तरफ बढाते हुए अपने होठ भींचते हुए भोंहो को उपर चढाते हुए कहा।

मैंने गिलास लेने को हाथ आगे बढाया, उसकी अंगुलिया मेरी अंगुलियों से टकराई।

मेरी पुरे शरीर में एक सिरहन सी दौड़ पड़ी, मेरे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ गया मुझे लगा जैसे मैं तब तक सोया हुआ था किसी ने मेरे शरीर में रूह को जगा दिया हो, मेरे रोम-रोम में मुझे जिन्दा होने का एहसास हुआ,मैं उर्जा से भर गया, मेरी नशों का खून उसकी दीवारों से तेजी से टकराने लगा,और मेरे गाल लाल होने लगे थे,मैं मखमल से बने बिस्त्तर में सिमटा जा रहा था, वही मेरा दिल खुले आसमान में उड़ रह था, मैं गर्म तवे पर रखे बर्फ की भांति पिघल रहा था।

उसने मेरे कान के पास चुटकी बजाई।

आर यू ओके ? उसने कहा

हाँ मैं ठीक हूँ। मैंने झूठ बोला

ओके बाय ! और वो चली गई

बाय!!!! उसका ये शब्द मेरे कानो में शहद की भांति घुलने लगा और मेरे चेहरे पर मुस्कान छाने लगी।

मैंने निश्चय किया मैं उसे बताऊंगा जो मैं उसके लिए महसुस कर रहा था वो उस दिन मैंने सिर्फ एक लेक्चर अटेंड किया और मैं घर लौट आया,घर आकर मैंने एक लैटर लिखा और उसे देने का सोचा

प्रियंका, तुम बहुत खुबसुरत हो, यक़ीनन इस ब्रम्हांड की सबसे खुबसुरत रचना हो तुम मेरे लिए, मेरे लिए खुद को रोक पाना मुश्किल था,मैं तुमसे बात करना चाहता हूँ, तुम्हारी जुल्फों को मेरे कंधे पर महसुस करना चाहता हूँ, तुम्हारी फूलो की पंखुडियो सी नाजुक त्वचा की छुअन को महसुस करना चाहता हूँ,तुम्हारे लफ्जों में ठहरना चाहता हूँ,तुम्हारी सांसो में घुलना चाहता हूँ,तुम्हारी खुशबु में महकना चाहता हूँ, तुम्हारी धड़कन में बसना चाहता हूँ, बस मैं खुद को आज़ाद करना चाहता हूँ तुम्हारे बंधन में आकर

गोपाल

मैंने लैटर लिखा और दुसरे दिन सुबह कॉलेज पहुचं गया।

मैं बढ़ी हुईं सांसो,तलाशती निगाहों,और धड़कते दिल के साथ उसके पास पंहुचा।

प्रियंका मैंने कहा

वह मेरी तरफ मुड़ी,हाँ बोलो!

ये लो मैंने लैटर उसकी तरफ बढाते हुए कहा।

क्या है ये! उसने अचंभित होते हुए कहा।

ये तुम्हारे लिए है इस पढना और जवाब देना मैंने कहा।

उसने लैटर ले लिया और मैं वहा से बढ़ी हुई सांसे लेके, होठो पर मुस्कराहट लेके,आँखों में उम्मीद लेके,चेहरे का बदला रंग लेके लौट आया।

दुसरे दिन कॉलेज में छुट्टी थी मुझे पहली बार कॉलेज में इस छुट्टी पर गुस्सा आया मैंने पूरा दिन बैचैनी में गुजारा।

अगले दिन मैं कॉलेज पंहुचा।

मैं अपने दोनों हाथो को मलते हुए लाइब्रेरी में उसका इंतज़ार कर रहा था, मेरे लिए एक-एक पल गुजारना मुश्किल हो रहा था।

थोड़ी देर बाद वह मेरे सामने खड़ी थी

उसने मुझे टेबल पर बैठने का इशारा किया, हम दोनों टेबल पर बैठ गये मेरी सांसे बढ़ी हुई थी मैंने खुद को सामान्य करने की नाकाम सी कोशिश की।

गोपाल सुनो अपना हाथ आगे लाओ, उसने एक मंद मुस्कराहट के साथ कहा।

मैंने हाथ आगे बढ़ाया।

उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बेग में से कुछ निकाला।

मेरी आँखे चोंक गई मेरा मन किया मैं भाग जाऊ, मैं धरती मैं समा जाऊ, एक पल के लिए मैंने सोचा की काश ऐसी कोई मशीन होती जिसका बटन दबाते ही मैं गायब हो जाता,मैंने मन ही मन सोचा काश यह एक सपना हो, मैंने सारी असंभव बाते सोची पर मैं कुछ नहीं कर पाया मेरी कलाई पर राखी सज गई थी।

देखो गोपाल मैं तुम्हारी भावनाओ को समझती हूँ, उनकी कदर करती हूँ, पर तुम जो महसुस करते हो वो मैं तुम्हारे लिए महसुस नहीं करती हूँ, मैं तुम्हे राखी इसीलिए बाँध रही हूँ,क्योंकि मेरा कोई भाई नहीं है और मेरे पापा जब मैं 9th क्लास में थी मेरे पापा की डेथ हो चुकी थी उनकी डेड बॉडी कुवैत से आई थी, जब उनकी डेड बॉडी आई तब हमे बताया गया था की वो हमारे लिए ढेर सारी चीजे लेकर आ रहे है उनके घर आने के बाद हमे पता चला की उनकी मौत हो चुकी थी, अभी हम दो बहने और मम्मी है,गोपाल तुम्हारे अल्फाजो में पवित्रता है, तुम्हारी नजर में अपनापन है तुम्हारे इन अल्फाजो मैं और तुम जो महसुस करते हो मेरे लीये उसमे मैं खुद को सम्मानित महसूस करती हूँ, तुम मेरे लिए जो महसुस करते हो उसमे मैं खुद को सुरक्षित महसुस करती हूँ, मूझे उम्मीद है तुम हमेशा मेरा साथ दोगे, हमेशा मुझे उसी सम्मानित नजर से देखोगे, मैं चाहती हूँ की तुम मेरे भाई बनो, हमारे बिच एक पवित्र रिश्ता हो भाई बहिन का, और तूम्हे कुछ भी गलत फील करने की जरुरत नहीं है या तुम्हे कुछ भी अजीब फील करने की जरुरत नहीं है, मैं तुम्हे एक जीवनसाथी से भी ऊँचा दर्जा देना चाहती हूँ,भाई का दर्जा गोपाल मैंने तुम्हारा लैटर पढ़ा मुझे एहसास हुआ बस दिल से आवाज आई पता नहीं कैसे या मैं सही हूँ या गलत मूझे नहीं पता ना ही मुझे इसकी परवाह है ,बस मेरे दिल से आवाज आई और मैंने तुम्हे बता दी मैं तुम्हे भाई के रूप में चाहती हूँ, जो मुझे सपोर्ट कर सके मुझे सुरक्षित रख सके,आगे तुम्हारी मर्जी गोपाल।।

मैं अचम्भित था कुछ समझ नहीं आ रहा था,मैंने अपना सिर झटका और सब कुछ सोचना बंद कर दिया और जोर जोर से हसने लगा।

चल माय डिअर सिस्टर चाय पीके आते है।

और वह भी हंसने लगी और उसने मेरा हाथ थाम लिया इस बार मेरे दिल ने वो नहीं किया जो हर बार करता था, ना ही मेरे खून में कुछ खलबली मची, सच कहुं दोस्तों मुझे तब भी प्यार था, राखी वाला प्यार।

दोस्तों यह मेरी खुद की कहानी है उसके बाद प्रियंका हर साल मुझे राखी बांधती है और हमारा रिश्ता आज बहुत मजबूत है कभी कभी ज़िन्दगी अजीब कारनामे दिखाती है पर सच कहुं तो प्रियंका के साथ भाई के रिश्ते में मैं बहुत खुश हूँ,

आज हम दोनों के परिवार हर तरह के समारोह में एक दुसरे को आमंत्रित करते है बहुत अच्छे सम्बन्ध है हमारे, बस हर महीने उसे एक साडी चाहिए गिफ्ट में और अब तो आराध्या के लिए भी उसे हर महीने कुछ न कुछ चाहिए।

फिलहाल मैं कॉलेज मैं पढ़ता हूँ और उसकी छोटी बहिन मेरी शिष्या है

दोस्तों बताओ कैसी है मेरी कहानी कॉलेज वाली लड़की जो मेरी ज़िन्दगी एक हकीकत दास्ताँ है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance