किसी को पता नहीं चलेगा
किसी को पता नहीं चलेगा


एक बार की बात है काफी दिनों से बारिश ना होने के कारण एक गांव में सूखा पड़ गया चारों तरफ। पानी की कमी के कारण लोग मरने लगे थे। गांव में एक ही आचार्य थे। जो पढ़े-लिखे थे। लोग ने उनसे इस समस्या के समाधान के लिए कोई उपाय खोजने को कहा। आचार्या ने सूखे गांव में बारिश हो जाइए। इसके लिए बहुत से उपाय खोजे।
लेकिन कोई भी प्रयास सफल नहीं हुआ। सभी भगवान से प्रार्थना करने लगे। तब तो एक देवा दूध प्रकट हुआ और गांव के लोगों से कहा कि अगर आज गांव का हर व्यक्ति उस कुएं में बिना देखे एक एक लोटा दूध डालेगा तो सूखे की समस्या खत्म हो जाएगी और कल ही बारिश हो जाएगी।
यह कहकर देवा दूध वहां से गायब हो गया ।बिना देखे एक एक लोटा दूध सब डाले।लेकिन अगली सुबह लोग ने बारिश के इंतजार किया तो उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
सब कुछ पहले के जैसा लग रहा था ।सब लोग सोचने लगा गए कि आज बारिश क्यों नहीं हुई। इस बात का सभी कुए के अंदर जांग कर देखा तो सभी लोग हैरान हो गई ।पूरा कुआं पानी से भरा हुआ था और वह समझ गए कि अब तक पानी समस्या टिक क्यों नहीं हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जो बात अगर मैं अकेला पानी डाल दूंगा तो किसी को पता नहीं चलेगा कि बात सारे गांव वालों के दिमाग में आई थी। सभी लोग पानी डाले। यह आज के समाज की मानसिकता है।