Preeti Sharma "ASEEM"

Drama

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Preeti Sharma "ASEEM"

Drama

कहानी घर -घर की

कहानी घर -घर की

2 mins
201



 मोहल्ले में चीखने -चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। जैसे किसी का झगड़ा हो रहा। उमा की सासू मां ने बाहर जाकर देखा तो सड़क पर और भी लोग इकट्ठे हो चुके थे। वह भी शायद आवाजें सुनकर बाहर निकल आए थे अपने-अपने घरों से। 

 कुछ लोग आवाज सुनकर अंदाजा लगाकर वापस अपने घरों में चले गए। लेकिन झगड़े की आवाजें लगातार.... जारी थी। तभी उमा की सास को मोहल्ले की एक और सहेली संगीता की सासू मां भी बाहर आ गई। अब एक तरफ घर से झगड़े की आवाजें आ रही थी। कोई बहू पर इल्जाम लगा रहा था कोई सास पर लगा रहा था, बहन- भाई की गलती बता रही थी, भाभी बहनों को गलत बता रही थी। 

 पूरे परिवार ने अच्छा खासा ड्रामा शुरु कर दिया था। बाहर यह दोनों सहेलियां खड़ी लड़ाई के कारणों पर विश्लेषण कर रही थी। बहुत बुरी बहू आई है। हर रोज नई लड़ाई, अब तो बेटा भी बहू का ही कहना मानता है। 

 उमा रोटी पकाते हुए सोच रही थी... हर रोज इन्होंने ड्रामा ही करना होता है तो यह अलग -अलग क्यों नहीं हो जाते लेकिन नहीं हमारे समाज में, सारी जिंदगी लड़ते रहेंगे पूरे परिवार में एक भी सदस्य के एक -दूसरे से विचार नहीं मिलेंगे। एक -दूसरे बात भी नहीं करेंगे........लेकिन परिवार के नाम पर इकट्ठे रहेंगे। 

       एक तरफ लड़ाई की आवाजें आ रही थी और दूसरी तरफ दरवाजे के बाहर खड़ी उमा की सास और उसकी सहेली लड़ाई में बोले जाने वाली बातों पर विचार प्रकट कर रही थी बहुत बुरा समय आ गया है बहन, कलयुग है..... कलयुग.... 

 आधा घंटा बातें करने के बाद जब दोनों को घर की याद आई तो बोली..... मैं तो सास भी कभी बहू सीरियल देख रही थी अब तो वह भी खत्म हो गया होगा। घर- घर की कहानी लगा होगा। 

    सबके घर की यही कहानी है। घर-घर की कहानी है बहन.... कहकर दोनों अपने -अपने घर को लौट आई।


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