"जिम्मेदारी"
"जिम्मेदारी"
जब आप अपने कंधों पर अपनी "जिम्मेदारियां" लेते है तब आप एक "जिम्मेदार" आदमी कहलाते हैं और ये "जिम्मेदारी" किसी के बोलने या सौंपाने पे नही ली जाती हैं ये भी एक "जिम्मेदारी" है कि आप अपनी "जिम्मेदारी" वक़्त रहते हुये ले ले, और जब आप अपनी "जिम्मेदारी" ले लेते हैं तो जब तक आप की जिंदगी है तब तक आप उन "जिम्मेदारियों" से पीछे नही हट सकते हैैं।
और मुझे ये खुशी है कि मैंने अपनी "जिम्मेदारी" अपने आप से ली है ना कि किसी के सौंपने से और समय रहते हुए ली हैै।
