जीवन का नया सफर
जीवन का नया सफर
इस महामारी से जीवन जीने के तरीके सच में बदल गए हैं। इस समय सभी का जीवन थोड़ा रुका हुआ हैं। लेकिन जीवन का नाम ही प्रगति और निरंतरता हैं। इस समय ने सभी के जीवन को एक नया आयाम दिया है और एक स्वर्णिम मौका भी। स्वर्णिम मौका, अपने अंदर छिपी किसी प्रतिभा को निखारने का। एक ऐसी प्रतिभा, जिसका व्यस्तता भरे जीवन में निखर पाना थोड़ा मुश्किल था। इस महामारी ने मुझे और मेरे जीवन को काफी बदल दिया हैं। मैंने लिखना शुरू किया हैं और लिखते-लिखते मेरे रुचि अब हिंदी कविताओं की ओर बढ रही हैं। मैं अब हर शब्द को कविता में लिख रही हूँ।
वैसे तो इस परिस्थिति ने कुछ व्यक्तियों को अकेलापन भी दिया हैं। लेकिन कुछ लोग उस अकेलेपन की शांति में अनंत जीवन के सत्य की खोज करते हैं और उसे अपने शब्दों में डालने का प्रयास करते हैं। सोच की गहराई में जाकर ही तो विचार के अनमोल रत्न मिलते हैं। क्योंकि इस समय में आधे से ज्यादा लोग तो अकेलेपन के कारण बीमार हो रहे हैं। उनके पास कोई बात करने वाला नहीं हैं। इसलिए जिंदगी को थोड़ा आसान बनाने के लिए हर किसी के जीवन में एक ऐसा शख्स जरूर होना चाहिए, जिससे आप अपनी हर बात सकें और उससे बहुत प्यार करें।
वह शख्स कोई भी हो सकता हैं। क्योंकि सब बातों को मन में रखना अच्छी बात नहीं हैं। तो चलिए अब मैं आपको उस कविता से रू-ब-रू कराती हूँ, जो मैंने लॉकडाउन के समय में लिखी हैं। इस कविता में उस अकेलेपन की खामोशी को व्यक्त किया गया हैं, जिस खामोशी में हमें किसी की आवाज आती हैं और उस आवाज हम अपने अंदर महसूस करते हैं। उस आवाज को हम हर पल सुनना चाहते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं, इस आवास की खामोशी का सफर जिसे हर किसी का दिल सुनना चाहता हैं-
मुझे तेरी आवाज आती हैं
जब मैं खामोश होता हूँ, मुझे तेरी आवाज आती हैं
जब मैं छुप-छुपकर रोता हूँ, मुझे तेरी याद आती हैं
जाने किस मोड़ पर आ गए हम जिन्दगी मैं,
अब बस तू ही तू बाकी हैं।
इस हसीन सफर की हम सफर है तू मेरी,
बस तू ही तू साखी हैं।
मुझे तेरी आवाज सुहाती हैं, मुझे बेहद पसंद तू आती हैं मेरी खामोशी में तू गुनगुनाती हैं,
मेरी खामोशी तू समझ जाती हैं।
मेरी रूह सी तू रहती हैं, तुझे याद करूं,
तो तू मेरी अखियों द्वारा बहती हैं।
मेरी खामोशी जब मुझे चुभती हैं,
जब अकेला कहीं मैं होता हूँ
तुझे याद करूं और फरियाद करूं, बस तू ही तू बाकी हैं, मेरे लिए तू ही काफी हैं।
एक सुबह बन के तू आई हैं, मेरे जीवन में तू ही समाई हैं, भाता हर कोई नहीं मुझको, तू ऐसे मुझको भाती हैं।
मुझको तू बहुत याद आती हैं, मुझे तेरी आवाज आती हैं, इस दरिया का तू किनारा हैं, मुझे तेरा ही तो सहारा हैं।
चाहे कैसे भी हो जाए ये जिंदगी, मुझे तेरा ही प्यार प्यारा हैं।