जीत कर भी हार गया हूँ मैं
जीत कर भी हार गया हूँ मैं
जीत कर भी हार गया हूँ मैं
अपनों से मजबूर हो गया हूँ मैं
जीत कर भी हार गया हूँ मैं
कोशिश करता भी तो कब तक
शीशे मे दरार जो पड़ गए थे
हाथ लगाते ही टूट जाते
इस बात से डर गया हूँ मैं
जीत कर भी हार गया हूँ मैं
जिंदगी की उलझनो मे फंस गया हूँ
सामने रास्ते दिख रहे है लेकिन
उन्ही रास्तो मे खो गया हूँ मै
जीत कर भी हार गया हूँ मैं
कभी सोचा न था इस मोड़ पर आके,
सब लूट जाएगा सब पाकर ,
न रहा अब कोई भी अपना मेरा
अकेलेपन से परेशान हो गया हूँ मैं
जीत कर भी हार गया हूँ मैं..
जीत कर भी हार गया हूँ मैं।
