*इज़हार-ए-इश्क़ गुलाब*
*इज़हार-ए-इश्क़ गुलाब*
मोहब्बत का गुलाब से शायद कोई गहरा रिश्ता जरूर है जिसे बयां करना बहुत ही मुश्किल है, मगर यह रिश्ता इतना महकदार है कि आशिक तो आशिक रहे कवि, दोस्त और शायर तक झूम उठते हैं| आज के दौर में गुलाब हर व्यक्ति के लिए इज़हार-ए-इश्क़ का प्रतीक बन गया है| गुलाब हर किसी एहसास में सौन्दर्य नयेपन और सृजन का अहसास भरता है| ऐसा इसलिये है क्योंकि फरवरी के महीने में बसंत ऋतु का आगमन होता है और जब किसी का आगमन होता है तो हमारा मन स्वत: प्रफुल्लित हो उठता है इसीलिये अपने मन को प्रफुल्लित करने के लिए हम लाल, पीले, गुलाब को देकर अपने प्यार, दोस्ती का इज़हार करते हैं|
अनन्त कवि, शायर इन गुलाबी गुलाबी अनुभूतियों को कलम के माध्यम से लोगों के दिलो को धड़काते हैं.....
|| आज याद आ गयी अपने कॉलेज के दौर की ||
|| कुछ सूखे गुलाब' निकले ज्यों मेरी किताब से ||

