Dr Shikha Tejswi ‘dhwani’

Abstract

4.8  

Dr Shikha Tejswi ‘dhwani’

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ईशामसीह

ईशामसीह

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ईशामसीह हम कैसे करें तुम्हारा धन्यवाद,

तुमने ही तो हमें दिया है प्रेम का संवाद।


मानवता की ख़ातिर तुम तो क्रूस पर भी चढ़ गये,

पुनर्जन्म ले दो दिन में ही फिर धरती पर प्रकट हुये।।


 वास्तव में तुम धर्म की करने आये थे संस्थापना,

मानव जाती को सिखलाने प्रभु की उपासना।।


सबसे बड़ी चीज़ तो तुमने क्षमा हमें सिखलानी थी,

प्रेम की डोर से इस दुनिया को हम सब से सजवानी थी।।


फिर से इस धरती पर जन्म लेने का वक़्त है आ गया,

इस बार तुम क्षमा नहीं सबक़ सबको सिखला जाना।।




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