होली
होली


प्रेम चिरंतन मूल जगत का,
वैर-घृणा भूलें क्षण की,
भूल-चूक लेनी-देनी में,
सदा सफलता जीवन की,
जो हो गया बिराना उसको
फिर अपना कर लो।
होली है तो आज शत्रु को
बाहों में भर लो !
प्रेम चिरंतन मूल जगत का,
वैर-घृणा भूलें क्षण की,
भूल-चूक लेनी-देनी में,
सदा सफलता जीवन की,
जो हो गया बिराना उसको
फिर अपना कर लो।
होली है तो आज शत्रु को
बाहों में भर लो !