गर्ल्स पावर
गर्ल्स पावर
एक लड़की थी उसका नाम स्नेहा था, वह पढ़ने में बहुत अच्छी थी वह रोज सवेरे उठती और घर का सारा काम कर देती थी। उसकी मां को कुछ नहीं करना होता था, उसकी मां बाहर का काम करतीं। लेकिन वह लड़की बहुत संस्कारी सुशील थी, वह किसी से मतलब नहीं रखती थी, वह रोज की तरह अपना काम करती कॉलेज जाती फिर घर आती।
एक दिन, कुछ लड़कों की नजर उस पर पड़ी और वह उसका पीछा रोज करते थे, लेकिन वह नजरंदाज करके चली जाती। लेकिन, कभी उसको कुछ
कहते नहीं थे। इसीलिए वह भी घर पर नहीं बताती। परन्तु एक दिन उसको कॉलेज से आने में देर हो गई और उसने सर के मोबाइल से घर वालों से बात
कर बताया, कुछ देर बाद बहुत अंधेरा हो गया घर वाले, घबराने लगे, तभी वह कॉलेज से आने लगी। इधर स्नेहा के पापा भी उसके कॉलेज के तरफ जाने लगे सब लड़के भी वही थे। लड़कों ने अकेली स्नेहा को जाते हुए देख लिया और उसका पीछा करने लगे, कुछ देर बाद उसको परेशान करने लगे, तभी उसने अपने बैग में से चाकू निकाला और बोली यहां से जाओ नहीं तो मार डालूंगी, तभी सब लड़के डर जाते है, और वहाँ से भाग जाते हैं, तभी उसके पिता
आते हैं, उसको घबराया देखकर पूछते हैं, क्या हुआ, लेकिन स्नेहा बोलती हैं कुछ नहीं हुआ पापा।
फिर वह, खुशी से अपने घर जाती है। अगले सुबह वह सब लड़के नहीं दिखते और वह बहुत खुश हुईं। सबको अपनी बहादुरी के बारे में बताया
सब बहुत खुश हुए और उसको, शाबाशी मिला।
