ग्राहक फ्रेंडली
ग्राहक फ्रेंडली
बैंक ने रेहन रखी संपत्तियों की नीलामी की सूचना छपवाई।साथ में फोन पर बात करती किसी लड़की की भी फोटो छप गई। बैंक वाले खुश थे कि इससे नीलामी प्रक्रिया का प्रचार प्रसार होगा,मुफ्त में ।उधर फोटो वाली लड़की आग - बबूला हो रही थी।
' भला ऐसा कैसे कर सकते हैं ये बैंक वाले ?'
' कर चुके,' दूसरे ग्राहक ने आं खें मटकाई।
' अरे मैं तो इस ऑफिस में कल पैसे जमा कराने आई थी,जब ये बैंक वाले अपने नोटिस बोर्ड की फोटो ले रहे थे...करम..ज ...ले सब।'
' और संपत्ति विवरण में आपकी भी फोटो आ गई ?'
' और क्या ?..…. ये सब नासपीटे ऐसे ही हैं।मैंने सोचा किसी भले काम के प्रचार की खातिर इसकी फोटो अख़बार में लगी है।' काकी गुर्राई।
' और मैं तो दंग रह गई, कि मुझसे बिना पूछे मेरी फोटो छपी कैसे,' लड़की उखड़ गई।
' नोटिस बोर्ड की फोटू के साथ तुम्हारी भी आ गई होगी,गलती से,' किसी तीसरे ग्राहक ने ज्ञान बघाड़ा।
' ऐसी गलती हो ही क्यूं ?' लड़की चिग्घाड़ी।
' ग्राहक - फ्रेंडली कार्य है',दूसरे ग्राहकों ने चुटकी ली।
लड़की आंखें तरेड़ती रह गई।
उधर बैंक मैनेजर सबकी नजर बचाकर निकल।