एक लड़का
एक लड़का
एक लड़का बहुत ही शालीनता के साथ रोज बस्ता लिए घर से निकलता था सुबह के 6:00 बजे । जब देश के आधा देवदास किसी पारो की याद में सो रहे होते थे या यूं कहें कि सुट्टे की धुँआ में मदहोश किसी कमरे वाली घोसले की छांव में होते थे । उसी समय उन्हीं के वंशज का दीया पूरी ऊर्जा के साथ देवदास की जमात का हिस्सा बनने को निकल पड़ता था । मानो ऐसा लगता हो जैसे एक देवदास वाली टीम इंडिया का हिस्सा बनने को वह उत्साहित हो ।
तो सब बखेड़ा को छोड़ देते हैं और कहानी में आगे बढ़ते हैं -
उसके बस्ते में प्रायः 2 से 3 कॉपियां उसके अनुरूप एक पुस्तक वह भी गणित की होती थी । गणित की पुस्तक लाने के पीछे प्रायः यह कारण होता था कि एक तो गणित के शिक्षक जीता जागता जल्लाद थे और दूसरी उसका पूर्ण विश्वास था कि गणित पढ़ने से या उसमें तेज होने से लड़कियों ज्यादा प्रभावित होती हैं । शो एक समझदार गार्जियन की तरह गणित की पुस्तक को ढोता था । और उसके बस्ते में फेसवास , कुछ महत्वपूर्ण क्रीम होते थे उसका पूर्ण विश्वाश था कि जब उसकी वाली मतलब की उसकी प्रेमिका .. उसके सामने आने वाली होगी... तब यही सब तामझाम उसकी हिफाजत करेंगे । वैसे सच कहें तो यह सब कितना हिफाजत करते हैं वो आपसे ज्यादा कौन जानता होगा भला ??
तो मेरे समझदार भाइयों एवं बहनों जैसा कि दोस्ती से शुरुआत होती है वैसे ही उसने भी दोस्ती वाली पारी से ही अपनी मोहब्बत वाली पारी की शुरुआत की । दोस्ती हुआ तो नंबर भी एक्सचेंज होगा ही , तो नंबर भी एक्सचेंज हो गया । अब भैया जमाना है व्हाट्सएप का तो व्हाट्सएप पर भी लवसव वाली पंचनावे भी हुए । कुल मिलाकर लगभग 1034 बार मैसेज वाले ब्रेकअप हुए और उतने बार केचप तो कुल जमा उसकी मोहब्बत में जितने सब देवदास की दुर्दशा होती है , उतना उसका भी हुआ । एक दिन मोहब्बत में सीरियस बंदा जो लड़का था उसने सोचा क्यों न आज शादी की बात कर लेता हूं अपनी पारु से !
कंफ्यूज मत हो जाइएगा क्योंकि भाई लड़का इतना कुछ किया तो अभी तक कॉलेज का बंदा . ., तो हो ही गया होगा । इसलिए शादी का बात सोच रहा हैं । दोस्तो , उस लड़के ने लड़की को अपने मन में उठ रहे विचार को व्यक्त कर दिया और अपने अंदर उठ रहे गुदगुदी को शांत किया । लेकिन उसकी शांति उस लड़की की इस बात से अशांति मे तब्दील हो गयी जब उसने कहा की आज तक जो भी तुम्हारे साथ सही बुरा लव-सव जो भी हुआ सब एक सपना समझकर भूल जाओ , क्योंकि मॉर्डन दुनिया में ये सब आम सी बात हैं । और इतना बोल कर उस लड़की ने उसे ठेंगा दिखाकर , कोकाकोला किसी और के साथ पी ली वो भी परमानेंट वाली !
तब उस लड़के को पता चला की आसपास जितने बच्चे रोजाना पैदा नहीं हो रहे उतने देश में देवदास क्यो पैदा हो रहे हैं ! और इस सोच के साथ वो परम शांति को प्राप्त हो गया ।
अरे ! रुकिए ज़रा , ध्यान दीजिए यहां महात्मा बुद्ध वाली शांति की बात नहीं हो रही , यहां तो बात हो रही हैं देवदास वाली शांति की जो उस लड़के को प्राप्त हुई और इसके फलस्वरूप वह देवदास वाली टीम इंडिया का परमानेंट सदस्य बन गया बड़ा ही शालीनता के साथ । ।
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