SRINIVAS GUDIMELLA

Abstract

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SRINIVAS GUDIMELLA

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एक कहानी

एक कहानी

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सुनो सुनो भाई एक कहानी 

यह कहानी बड़ी पुरानी 

एक था राजा एक थी रानी 

उसके तीन बेटे यानी 

एक सोनी 

दो टोनी 

तीन मोनी 

तीनो बेटे बड़े शैतानी !


बीत गए दिन चार सुहानी 

राजकी तो गयी जवानी 

बेटों को आगयी जवानी 

सोच में पद गए रानी राजा 

अगला कौन बनेगा राजा 

सोचके रानी राजा एक शाम 

भेजा बेटों को एक पैग़ाम 

बेट आके किये प्रणाम 

वजह पूछे और किये सलाम !


तुम्हे लेना है एक परिक्षा 

यह तो है सेहन की परिक्षा 

एक पूरा दिन करना है काम 

शुरू सुबह और अंत है शाम 

वक़्त बताये क्याहो अंजाम !


जो जीतेगा यह परिक्षा 

वही करेगा देश की रक्षा 

सोनी बोलै मेरा काम क्या है राजा 

राजा बोलै पूरा दिन तू जाके सो जा 

टोनी बेटे तुम भी भागो 

पूरा दिन तुम जाके जागो 

मांय बंजा तू पहरेदार 

रख इन दोनों पे तू नज़र !


शुरू हुआ दिन हुआ उजियारा 

बीत गया दिन हुआ अन्धेरा 

चला गया अब चंदामामा 

ख़तम होने कोने आया ये ड्रामा !


तीनो बेटे किये अपने काम 

दिल में दर है क्या हो अंजाम 

सुबह हुआ फिर सूरज निकला 

सुनने आये लोग फैसला !


राजा बोलै जीता सोनी 

गुस्से हो गए टोनी मांय 

फैसला नहीं ये ऐसा वैसा 

राजा बताया वजह है ऐसा 


सोनी को तो काटे मच्छर 

पर सोनी ना छोड़ा बिस्तर 

आँख न खोला नींद में डोला 


सोनी के गुर गुर के आगे 

टोनी मांय के नींदे भागे 


अगर सोनी गुर गुर न करता 

उन दोनों की नींद न उड़ता 


इसीलिए है जीता सोनी 

मिलके बोले राजा रानी 


सोनी बन गया देश का राजा 

सदा सुखी थे देश की प्रजा !


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