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Sonal Bhatia Randhawa

Drama

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Sonal Bhatia Randhawa

Drama

एक छोटी सी प्रेम कहानी

एक छोटी सी प्रेम कहानी

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12 नवंबर: समझ नहीं पा रहा हूँ की मैं कुछ खो रहा हूँ या कुछ पा रहा हूँ? न जाने कैसी यह कश्मकश हैउधर तुम हो और इधर मेरा ज़मीर, दिल तो चाहता है बहुत कुछ कहने को मगर यह कमबख्त दिमाग हर जगह जंजीरें बांध देता हैदिल बेचारा बस कसमसा के रह जाता है


15 नवंबर: नहीं जानता की मेरे मन में तुम्हारे लिए क्या है? मगर तुम्हें जब भी देखता हूँ, लगता है नज़र वही थम सी गयी तुम्हारी आँखों की वह अनछुई मासूमियत, तुम्हारे सुर्ख होठों से झांकते अनमोल मोती, तुम्हारी वह बेपरवाह खिलखिलाहट, सब मेरे आँखों में मानो कैद हो जाती है दूर से तुम्हें निहारता रहता हूँ हर पल जब तुम सामने होती हो मगर तुम, तुम एकदम अनजान हो इससे अपने में खोयी, मेरी बेचैनियों से बिलकुल नावाकिफ


20 नवंबर: बहुत याद आ रही हो तुम आज जाने फिर कब तुम्हें मिल पाउँगा? रोज़ रोज़ मिलने का कोई बहाना भी तो नहीं मिलना? या सिर्फ निहारना? बोलने की तो हिम्मत ही नहीं हुई कभी और हिम्मत करता भी कैसे? सोचता ही रह जाता हूँ, क्या बोलूं?


23 नवंबर: "नदी किनारे डूबते सूरज को देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है आंटी" जिस दिन से तुमने माँ से यह कहा हर शाम दौड़ कर छत पर जाता हूँ और ना जाने कितनी तसवीरें उस ढलते हुए सूरज की समेट लेता हूँ अपने कैमरे में यह सोच कर कि एक दिन इन सब का एक खूबसूरत सा कोलाज बना कर दूंगा तुमको काश हम दोनों ज़िन्दगी भर इस डूबते सूरज को साथ साथ देख सकते!


26 नवंबर: बहुत सोचा है मैने आज तो तुमसे कह ही दूंगा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, वरना लिख कर तो भेज ही दूंगा ज़रूर पर अगर तुम ने ना कह दिया तो या नाराज़ हो गयी तो और अगर किसी को पता चल गया तो उफ़! तब तो बवाल हो जाएगा जाने दो...


28 नवंबर: आज तो हिम्मत कर तुम्हें लिख ही दिया मैसेज मैं तुम्हें पसंद करता हूँ बहुत सोच रहा हूँ क्या जवाब दोगी? तुम हाँ कहोगी या गुस्सा हो जाओगी? कहीं किसी से कह तो नहीं दोगी? पर मुझे लगता है तुम ऐसा नहीं करोगी कम से कम मुझे मुसीबत में नहीं डालोगी जानता हूँ तुम बाहर से ही नहीं दिल से भी बहुत खूबसूरत हो इतना तो पहचान ही गया हूँ तुम्हें


28 नवंबर: तुम्हारा जवाब आया बस एक लाइन, मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ मगर सिर्फ पसंद करने की हद तक, उससे आगे नहीं इस से आगे मर्यादा की लक्ष्मण रेखा खिंची है


हा हा कैसे बताऊँ तुमको, मेरे लिए तो बस ये अहसास भी बहुत है ज़िन्दगी भर जीने के लिए, जो तुम्हारी इस एक लाईन में छुपा है



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