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Bikash Baruah

Inspirational

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Bikash Baruah

Inspirational

दोस्ती

दोस्ती

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गोलू और मोलू सातवीं कक्षा के छात्र थें। दोनों अच्छे दोस्त थें। दोनों की पक्की दोस्ती देखकर पाठशाला के ही नहीं बल्कि गाँव के सभी लोग दंग रह जाते । जैसे दोनों दोनो के लिए बनें हों। वो दोनों पड़ोसी भी थें इसलिए दोनों परिवारों में बहुत मेल था।

एकबार पाठशाला में परीक्षा में कम अंक लाने के लिए शिक्षक ने गोलू को डांटा और माता-पिता को अगले दिन पाठशाला में ले आने के लिए कहा। गोलू बहुत दुःखी था। इस बात को मोलू भली-भांति समझ गया। मोलू चुपचाप शिक्षक के पास जाकर प्रार्थना करने लगा कि उसके कुछ अंक काट कर गोलू को दे दें ताकि गोलू का अंक बढ़ जाएं और उसका दुःख उड़न छू हो जाएं। शिक्षक मोलू की बातें सुनकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं। बाद में उसे समझाता है कि ऐसा नहीं होता। मोलू मायूस होकर कक्षा की ओर चला जाता है। शिक्षक कुछ सोचने लगता है और फटाफट कक्षा में उपस्थित होता है। वे गोलू और मोलू दोनों के तरफ़ देख कर एक शर्त रखता है कि वह चंद मिनटों के बाद एक दौड़ प्रतियोगिता आयोजित करेंगे जिसमें सिर्फ दो ही प्रतिभागी हिस्सा लेंगे और वो गोलू और मोलू होंगे। अगर प्रतियोगिता गोलू ने जीता तो गोलू को इसबार के लिए क्षमा कर दिया जाएगा और उसके माता-पिता को पाठशाला में लाना नहीं पड़ेगा।

मगर प्रतियोगिता में कोई किसीको जीताने के लिए जान बूझकर हार नहीं सकता। सब जानते थे कि गोलू दौड़ने में ज्यादा तेज नहीं है। गोलू को और बाकी पाठशाला के दूसरे बच्चों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था आखिर शिक्षक ने क्यों ऐसा शर्त रखा। मोलू सबकुछ समझ गया। उसने गोलू के पास जाकर उसके कान में कुछ फुसफुसा कर कहा। गोलू और मोलू दोनों हँसने लगा और प्रतियोगिता के लिए तैयार हो गया। कुछ देर बाद प्रतियोगिता शुरू हो गया। गोलू और मोलू दोनों दौड़ने लगा । कभी गोलू आगे तो कभी मोलू आगे। कुछ देर तक इस तरह दोनों दौड़ते रहे। दोनों को पूरा पाठशाला को एक चक्कर लगाकर शिक्षक के पास पहुँचना था। दोनों पाठशाला के चक्कर लगाकर शिक्षक के पैरों को जोर से पकड़ कर जमीन पर लेट गए। शिक्षक दोनों को उठने के लिए कहा तो दोनों शिक्षक से क्षमा दान की प्रार्थना करने लगा। शिक्षक गोलू की क्षमा मांगने का कारण तो जानते थे मगर उनको यह समझ में नहीं आ रहा था कि भला मोलू क्यों क्षमा मांग रहा है। पूछने पर मोलू ने शिक्षक को सच बताते हुए कहा कि उसने आखिरी घड़ी में कुछ धीरे दौड़ा और इसलिए वह क्षमा मांगता है। शिक्षक दोनों को क्षमा करते हुए कहा कि गोलू को प्रतियोगिता जीतने के लिए क्षमा किया गया और मोलू की सच्चाई और उसकी अपने दोस्त के प्रति निःस्वार्थ प्रेम भाव को देखकर क्षमा किया गया। गोलू और मोलू बहुत खुश हुआ और शिक्षक के चरणों को स्पर्श करते हुए उनसे विदा लेकर घर चला गया।


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