धन दौलत या परिवार
धन दौलत या परिवार
रमेश को पैसों की बहुत ज्यादा चाह थी, वह हमेशा सोचता था कि उसके पास खूब पैसे रहें। रीना हमेशा समझाती की पैसे ही सब कुछ नहीं है, हमारे खाने पीने रहने भर के लिए बहुत है, वह हमेशा रीना को झड़प लेता तुम क्या जानो धन दौलत क्या चीज है! तुम भिखारी के घर की जो हो। वह रो कर चुप हो जाती, अब उसने कुछ कहना ही छोड़ दिया। धीरे-धीरे रमेश धन दौलत के पीछे परिवार से दूर होता चला गया और उसे पता भी ना चला। आज उसके पास बहुत धन दौलत है, लेकिन जो पारिवारिक प्रेम और संतुष्टि होनी चाहिए वह नहीं है।
