डेमन
डेमन
* ये कहानी एक 1979 में घटी एक सत्य घटना पर आधारित है पर कहानी में रोचकता बनी रहे इसलिए इसमें सुविधानुसार परिवर्तन किये गए है ।
डिटेक्टिव ने जैसे ही कमरे के दरवाजे को खोला उसे एक बड़ा गलियारा नजर आया और साथ ही कई दरवाजे .. तभी उसकी नजर बगल में एक लोहे के गेट पर गयी जो थोडा सा खुला हुआ था उसने देरी न करते हुए सीधे उसी गेट से होते हुए सीढियों के जरिये नीचे पहुंचा डिटेक्टिव को हलकी – हलकी आवाज़ सुनाई देने लगी और वो आवाज की दिशा में बढ़ने लगा थोड़ी दूर जाने पर उसने देखा की एक दरवाजे के बाहर 2 पुलिस वाले खड़े है .. डिटेक्टिव उनके पास पहुंचा , पुलिस गार्ड ने उन्हें रोकने की कोशिश की इतने में डिटेक्टिव ने अपना बैच दिखाया बैच देखते ही पुलिस गार्ड सैलूट करते हुए सावधान की मुद्रा में खड़े हो गए डिटेक्टिव बाहर खड़े हो कर अन्दर चल रही कार्यवाही का जायजा लेने लगा असल में वो अपनी सिगरेट खत्म होने का इंतजार कर रहे था सिगरेट खत्म होते ही उसे नीचे फेंका अपने पैर से मसला और दरवाजे को खोलकर अन्दर दाखिल हो गया वहां उसे अपने सामने एक टेबल नजर आयी जिसके तरफ अपराधी बैठा हुआ दिखा और दूसरी तरफ एक मोटा सा पेट निकला हुआ आदमी बैठा हुआ जिसकी गर्दन का पता नहीं चल रहा था उसके सामने एक प्लेट में बर्गर रखा हुआ है और बगल में एक कॉफ़ी । अन्दर आ कर भी वो थोड़ी देर दरवाजे के पास खड़े हो कर कार्यवाही को ध्यान से देखने लगा डिटेक्टिव ने महसूस किया की अपराधी ब्रूस ली कई सवाल पूछे जाने के बाद भी कुछ नहीं बोला जैसे उसके अन्दर जबान ही न हो
मार्टिन उसे अच्छी तरह से समझाने की कोशिश करता है की अगर वो चुप रहा तो ये भी उसके खिलाफ जाएगा जब वो मुंह खुलवाने के सभी तरीके अजमाने के बाद विफल हो गया तब डिटेक्टिव ने आगे बढ़ कर मार्टिन के कंधे पर हाथ रखा
डिटेक्टिव – मै कोशिश करता हूँ ...
इतना कह कर बिना किसी जवाब की प्रतीक्षा किये बगल में पड़ी कुर्सी को थोडा पीछे खीच कर उस पर बैठ गया हालाँकि मार्टिन को ये रवैया पसंद नहीं आया और बहुत ही अकडूपन से पूछा
मार्टिन – तुम कौन हो भाई और यहाँ इन्वेस्टीगेशन के बीच में क्या कर रहे हो ?
डिटेक्टिव ने कोई जवाब नहीं दिया उसने अपना बैच निकला और मार्टिन को देखने के लिए दिया जिसे देख कर उसकी बोलती बंद हो गयी और वो चुपचाप अपना बर्गर खाने लगा डिटेक्टिव ने अपना बैच वापस रखा और अपराधी की तरफ देखा और
पूछा – तुम्हे सबसे ज्यादा क्या पसंद है ब्रूस ?
ब्रूस कुछ देर शांत रहा फिर बोला “मुझे आग से खेलना पसंद है और लोगो को जलते हुए , तड़पते हुए,दया की भीख मांगते हुए देखना अच्छा लगता है ,उनकी चीखे मुझे सुकून पहुचाती है”
चैप्टर – 1
मैनचेस्टर
11 घंटे पहले
ब्रिटेन हमेशा से एक खूबसूरत देश रहा है .. इसे इतनी ख़ूबसूरती से तराशा गया है जैसे इसे खुद ईश्वर ने बनाया हो .. ये देश हमेशा से पूरी दुनिया का केंद्र रहा है .. अपनी राजनितिक , आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों की वजह से .. इस देश में कई खूबसूरत शहर है इनमे से एक है “मैनचेस्टर” ।
मैनचेस्टर काफी बड़ा और आर्थिक तौर पर समृद्ध शहर है .. यहाँ हर वो चीज उपलब्ध है जिसकी यहाँ के इंसानों को जरुरत है जैसे शॉपिंग माल्स है , कैफ़े है , बार है और हाँ यहाँ प्रोस्टीटयूट भी है अमीर वर्ग के लोग जो रोज के थका देने के काम के बाद थोडा आराम चाहते है वो ऐसी ही जगह की ओर रुख करते है । इस शहर में लोगो के बीच अपनेपन का दिखावापन बहुत है लोग अपने काम से काम रखते है कई बार लोगो को पता ही नहीं होता की पड़ोस में क्या हो रहा है , ये शहर तेज़ी से विकसित तो हो रहा है लेकिन अगर देखा जाए तो व्यक्तिगत तरक्की के मामले में सिर्फ आर्थिक स्थिति ही लोगो की मजबूत हो रही है , परस्पर बढती प्रतिस्पर्धा की वजह से लोगो के विचार खोखले होते जा रहे है , आर्थिक तरक्की देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है लेकिन वैचारिक मतभेद तरक्की में रोड़ा बन जाते है हालाँकि जब बात देश की आती है तो आपसी मतभेद कोई मायने नहीं रखता है ।
आखिरकार 19 वीं शताब्दी का आठवां दशक प्रारंभ हो गया है .. नयी - नयी चीजे लोगो को आकर्षित करती है बच्चो को गेम्स बहुत पसंद आ रहे है लेडीजो को कैफ़े , बार , पार्टी , नयी शॉपिंग काम्प्लेक्स बहुत पसंद आ रहे है , ऐसी जगहों पर महिलाओ की भीड़ अक्सर दिख जाती है उन्हें खाने – पीने का काफी शौक होता है और जेंटलमैन्स को नयी गाड़िया पसंद आ रही है .. वो नयी गाड़ियाँ खरीदते है और उसमे लडकियों को घुमाते है , अगर वे अच्छा कमा लेते है तो अच्छी गाडी के नए माडल आते है उसे भी ले लेते है , लोग कमाते है और खुले हाथ उड़ाते है .. यहाँ के लोग जागरूक रहते है हर फंक्शन को बड़े धूम – धाम से मनाते है ।
इस खूबसूरत शहर में जो एक चीज लोगो को पसंद नहीं आती है वो है गरीब भिखारी जैसे लोग .. सडको पर अक्सर आवारा घूमते कचरे से खाना बीनते या कही हाथ सेकते नजर आ जाते है , हालाँकि रात में कुछ लड़के और लड़कियां साथ में घुमते नजर आ जाते है ,लड़के दारु पीते है और गिटार बजाते है लड़कियां या तो गायेंगी या साथ बैठ कर मस्ती करेंगी और इन सब के बीच कभी-कभी भिखारी भी शामिल हो जाते है और यही बात इन बच्चो के अभिभावकों को पसंद नहीं है वे अपने बच्चो को इन की संगत से बचाना चाहते है इसलिए वे अक्सर अपने बच्चो पर कंट्रोल करने की कोशिश करते है , और जब ऐसा कर पाने में असफल रहते है तो अपनी कॉलोनी या सोसाइटी के हेड से शिकायत करते है उनका मकसद है इन्हें हटा के कही और विस्थापित किया जाए ।
शिकयत के मद्देनजर अब इस इस इलाके में पुलिस के कुछ गार्ड गश्त लगाते रहते है, जो भिखारियों और रात में बाहर घूम रहे लड़के – लडकियों पर रोक लगाते है .. लड़के और लडकियों को शाम होते ही घर में घुसने पर मजबूर कर देते है चूँकि मेयर की तरफ से भिखारियों को कही और रखने का आदेश नहीं आया था इसलिए भिखारियों के लिए रहने की व्यवस्था की गयी और उन्हें रात के 10 बजे तक अपने रेन बसेरो में पहुँचने का फरमान भी दे दिया गया ..
शाम से कोई रंगारंग कार्यक्रम टीवी पर आ रहा था जिसे हर कोई आंखे गडा के देख रहा था .. रात के 10 बजे जब प्रोग्राम खत्म हुआ तब सभी सोने जाने लगे की तभी टीवी पर न्यूज़ प्रसारित होने लगी ..
न्यूज़ में एक अधेड़ उम्र का पुरुष एक खबर सुना रहा था .. सफ़ेद शर्ट .. उसके ऊपर हलकी नीली रंग टाई और इसके ऊपर एक ब्लेजर पहना हुआ था .. बाल पीले लेकिन चमकदार लग रहे थे और खबर सुनाते वक़्त वो अपनी गर्दन इस तरह हिला रहा था जैसे वो कोई गंभीर खबर सुना रहा हो .. चूँकि आज कल का युवा वर्ग न्यूज़ सुनने में इंटरेस्टेड नहीं है इसलिए वे चैनल बदल सकते है पर खबर ऐसी थी की किसी से भी चैनल बदला नहीं जा सका
खबर थी “आज शाम को “यॉर्कशायर” में पुलिस एक ही परिवार के 4 लोगो के जल कर मरने के 6 महीने पुराने घटना पर तफ्तीश कर रही थी और इस इलाके में रह रहे कई लोगो से प्रतिदिन एक रूटीन के तहत उक्त घटना के बारे में सभी से पूछताछ कर रही थी इनमे से कुछ लोगो पर उन्हें संदेह हुआ और आज इनमे से कुछ संदिग्ध लोगो को अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गयी जहाँ थोड़ी सी सख्ती के बाद “ब्रूस ली” नाम के शख्स ने इस जुर्म को कुबूल कर लिया है .. अभी ज्यादा खबर नहीं मिली है पर इतना पता चला है की वो मैनचेस्टर का रहने वाला है।”
इस खबर ने लोगो की रातों की नींद ख़राब कर दी, जून 1980 की वो हल्की सर्द रात लोगो को बिस्तर पर डरे हुए जाने पर मजबूर कर रही थी .. लोग अलाव जलाकर घर को लगातार गर्म रखने की कोशिश कर रहे है परिवार के सदस्य आपस में बातचीत कर रहे है जानने की कोशिश कर रहे है वो मैनचेस्टर में कहा से है ? क्या उसके बारे में कोई जानता है ? दरअसल लोगो को ये अपने शहर की बुराई लग रही थी उन्हें लगने लगा की न्यूज़ रिपोर्टर ये साबित करना चाहता है मैनचेस्टर एक बुरा शहर है जहा सिर्फ अपराधी पलते है रात में ज्यादातर घरो के परिवारों ने अपने मन से ये फैसला कर लिया कि “ये कोई भिखारी होगा,या कोई आवारा जो सडको पर घुमा करता है या शायद घुमा करता था”
स्थान – नार्थ यॉर्कशायर मुख्य पुलिस स्टेशन
समय – सुबह के 9
यॉर्कशायर की सुबह धुंध भरी रही , सूरज का कही कोई नामोनिशान नहीं दिखा रहा था सुबह से ही बदल घेरा हुआ था और हलकी – हलकी ओस की बुँदे गिर रही थी पुलिस स्टेशन मुख्य रोड पर है .. एक सड़क उत्तर से दक्षिण की ओरे जा रही है इसी सड़क पर एक स्थान पर एक मुख्य पुलिस स्टेशन है जो पश्चिम में है .. ये एक चौराहे जैसा है इसी सड़क पर एक नीली रंग की पुलिस की कार आ रही है । पुलिस की कार स्टेशन के बगल में खड़ी हो गयी . कार का दरवाजा खुला और एक शख्स बाहर निकला सफ़ेद रंग की शर्ट पर एक बड़ा सा कोट पहना हुआ उसने कार का दरवाजा बंद किया और तेज़ी से पुलिस स्टेशन का मुख्य दरवाजा खोलकर अन्दर चला गया
उसके हाव – भाव और उसके वेशभूषा को देख कर लग रहा था की वो पुलिस विभाग में बहुत ऊँचे पद पर है जिस वजह से स्टेशन के अन्दर सभी पुलिस वाले बड़े – आदर भाव से उसका सम्मान करते हुए खड़े हो रहे थे उसने भी हलकी कृत्रिम हंसी चेहरे पर ओढ़ रखी थी और इसे ही वो हर अभिवादन कर रहे शख्स को लौटा रहा था वो सीधे एक टेबल पर पहुंचा सामान्य से काफी ऊचे दिख रहे उस टेबल पर एक माइक है जिसके पीछे एक पुलिस वाला खड़ा है अभी आये शख्स ने अपने कमर से एक बैच निकला जिस पर लिखा था – “डिटेक्टिव सूपरइन्टेंदेंट”
उसने अपना नाम लिखवाया और उस अपराधी के बारे में पूछा जो कल पकड़ा गया था माइक के पीछे खड़े पुलिस वाले के शर्ट पर एक बिल्ला था जिस पर “हिब्स रैंपटन” नाम लिखा हुआ दिखा उसने बताया की इस पुलिस मुख्यालय के प्रमुख “मार्टिन क्रॉप्स” उससे बात कर रहे है क्योकि आज शुक्रवार 20 जून है और कल कोर्ट में हाफ – डे रहेगा इसलिए वो आज ही चार्जशीट बना कर कोर्ट में दाखिल करना चाहेंगे डिटेक्टिव ने पूछताछ रूम में जाने का रास्ता पूछा –हिब्स ने अपने बाए हाथ से पीछे बने एक दरवाजे की ओर जाने के लिए इशारा किया – डिटेक्टिव बिना कुछ कहे उस तरफ चल दिया ।
(वर्तमान समय)
डिटेक्टिव अपराधी ब्रूस की बातो से जरा भी विचलित नहीं हुआ .. लेकिन उसका साथी मार्टिन इस बात से चौंक गया उसके दिमाग में एक ही विचार था कि आखिर ब्रूस अभी तक बोल क्यों नहीं रहा था और अब क्यों बोल रहा है ?
डिटेक्टिव बातचीत जारी रखी
डिटेक्टिव – देखो मुझे अपने बारे में सब कुछ बताओऔर ये भी की तुमने 4 लोगो को जला कर बड़ी बेरहमी से क्यों मार डाला ?
बीच में अचानक मार्टिन बोल पड़ा ...
मार्टिन – डिटेक्टिव क्या तुमने कभी डोनट खाया है जरुर खाया होगा चाय या कॉफ़ी में डूबा के पर क्या तुमने कभी बर्गर के बीच में डोनट रख के खाया है ये बहुत ही अलग स्वाद देता है क्या तुम लेना ....
मार्टिन अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया की डिटेक्टिव ने घूर कर देखा और मार्टिन सहम गया उसकी बात अधूरी रह गयी उसको घूर कर देखना बंद किया फिर अपराधी ब्रूस की तरफ अपना चेहरा किया और
डिटेक्टिव – हा तो हम कहा थे ? ओह्ह हाँ मै तुम्हे अपना परिचय दे रहा था मैं हूँ डिटेक्टिव सूपरइन्टेंदेंट और मेरा नाम है रॅान सागर चलो अब अपना परिचय दो ?
डिटेक्टिव के पूछने के बाद भी ब्रूस ने कुछ नहीं बोला कुछ देर इन्तेजार करने के बाद
ब्रूस ने सर ऊपर किया कुछ देर तक कमरे में शान्ति बनी रही डिटेक्टिव और ब्रूस कुछ देर तक एक – दुसरे को तौलते रहे नजरो से,फिर अचानक ब्रूस ने डिटेक्टिव के हाथ के उपर अपना हाथ रखा और अपनी आंखे बंद कर ली और फिर ब्रूस अपनी निजी जिंदगी में खो गया
(अतीत का समय )
मेरा नाम पीटर डिन्सडेल है , मेरा जन्म 31 जुलाई 1960 को मैनचेस्टर में हुआ .. मैनचेस्टर की एक खूबसूरत गली है जिसमे एक बिल्डिंग जहाँ प्रोस्टीटयूट रहती है और लोगो का दिल बहलाती है इन्ही में से एक प्रोस्टीटयूट अचानक प्रेग्नेंट हो गयी लोगो का दिल बहलाने वाली लड़की अब रूम पर बैठने को मजबूर हो गयी .. एक समय था जब उसके पास पैसो की कमी न थी पर जब से उस महिला का काम छिना है वो दाने दाने को मोहताज हो गयी है उस महिला को काम चाहिए था .. पहले तो उसे इस काम में जबरदस्ती डाला गया .. फिर जब प्रेग्नेंट हो गयी तो उसे इस काम से निकल दिया गया ,अब उसकी चिंता अपने बच्चे को पालने को लेकर थी उस महिला ने कई जगह काम की तलाश की पर जो अमीर पुरुष एक समय उसकी खूबसूरती के कद्रदान थे आज उससे दूरी बना रहे थे खूबसूरत सी महिला को कही काम नहीं मिल रहा था
आखिरकार उस महिला ने वो निर्णय लिया जो एक माँ के लिए हमेशा मुश्किल होता है उसने अपने बच्चे को बच्चो के अनाथालय में छोड़ देने का निर्णय कर लिया तकलीफों और समस्याओ से जूझने के बाद उसने .. जन्म दिया एक बच्चे को .. यानि मुझे और मेरा नाम रखा पीटर डिन्सडेल ..
मैनचेस्टर के एक छोटे से अनाथालय में वो मुझे छोड़ गयी , मै धीरे – धीरे बड़ा होने लगा , कुछ दिनों बाद एक महिला मुझसे मिलने आयी, मुझसे मिलकर वो बहुत खुश हुई मै उन्हें नहीं जनता था पर वो अक्सर मेरे साथ समय बिताना पसंद करती , मुझे अक्सर लगता था जैसे हमारे बीच अजनबियों से ज्यादा बड़ा रिश्ता है .. खैर एक दिन मैंने उस महिला और अनाथालय के मालिक की बीच की गुप्त बाते सुन ली और तब मुझे एहसास हुआ की वो मेरा माँ है वो माँ .. जिसके प्यार के लिए मै इतने सालो से तरस था .. मै दौड़ के गया और माँ के सिने से लिपट गया और खूब रोया, मेरी हालत देख कर मेरी माँ समझ गयी की मुझे सब पता चल गया है इसलिए वो भी रोने लगी , कुछ देर बाद वो मुझे छोड़ कर चली गयी ये कह कर की मुझे यही रहना होगा
मुझे उनका जाना अच्छा नहीं लगा मैं सबसे कटा – कटा सा रहने लगा एक दिन मुझे एक माचिस मिली जिसे खेल खेल में जलाना सिख लिया .. और उसके बाद मेरी जिंदगी ही बदल गयी ।
मुझे आग से प्यार हो गया , मुझे जहाँ माचिस मिल जाती मै उसे जलाकर घंटो देखता रहा , लाइट चली जाने पर मोमबत्ती को जलते हुए देखता रहता .. या ठण्ड ज्यादा होने पर सेकने के लिए रखी लडकियों को जलते देखता इससे मुझे सुकून मिलने लगा मै अक्सर आग को जलता देखने के लिए अनाथालय के कई चीजो में आग लगाने लगा , वो मुझे डाटते मारते पर मेरा प्यार कम नहीं हुआ फिर एक दिन मेरी माँ आयी .. और मुझे समझाया की मुझे अच्छा इन्सान बनना है
मैने फैसला किया की मै काम करूँगा इसलिए मैंने मैनचेस्टर छोड़ा और यॉर्कशायर में एक किराये के कमरे में आकर रहने लगा मजदूरी करने से कमरे का किराया निकलने लगा पर आग से प्यार कम नहीं हुआ
मैं जहाँ काम करता था उसी दुकान में एक कबाड़ के ढेर में आग लगा दी और उसे जलते हुए देखने लगा उस दुकान के मालिक ने मुझे बुझाने को कहा .. मुझे बुरा लगा मैंने मना कर दिया वो गुस्सा हो कर मुझ पर हाथ उठाने आया तो मैंने उसे उसी कबाड़ की ओर धक्का दे दिया वो जलने लगा , तड़पने लगा बचाने की भीख मांगने लगा पर मैंने उसकी बातो पर ध्यान ही नहीं दिया बस उसे चुपचाप जलता हुआ देखता रहा उसकी चीखे मेरे कानो को आराम पहुंचा रही थी मैंने पहली बार किसी इंसान को जलते हुए देखा था मैं शांति से उस दुकान से सबकी नजर बचाकर बाहर निकल गया और फिर मैंने इसी काम को अपना लक्ष्य बना लिया
जिस भी घर में मुझे कोई अकेला इन्सान मिलता तो मैं उस घर में घुस जाता, आग लगा देता और और उस इन्सान को जलते हुए देखता जब वो इन्सान जल रहा होता तो मुझे असीम शांति की अनुभुती होती वो जब चीखता तो मुझे लगता वो और जोर से चीखे , उनकी चीखे मुझे सुकून और ख़ुशी पहुचाती थी , मैं तब तक वह खड़ा रहता था जब तक उसकी चीखे मुझे सुनायी देती थी । इस दौरान कभी - कभी मुझे मिर्गी के दौरे भी पड़ने लगे ऐसी हालत में अगर मैं शिकार पर हूँ तो उसे मुझ पर हावी होने का पूरा मौका मिल जाता था ऐसी हालत में मुझे उसे किसी भारी हथियार से मारना पड़ता था .. और मुझे इस बात का अफ़सोस होता की मैं उसे आग में तड़पते हुए , छटपटाते हुए , दया की निर्मम भीख मांगते हुए नहीं देख पाया
एक बार एक 6 माह के बच्चे और उसकी माँ को साथ में जलाया उन दोनों की चीखे मेरे तनबदन में ठंडक का एहसास करा रही थी मै सोफे पे बैठ कर उन्हें जलते देखता रहा चीखे सुनता रहा और फिर मुझे इस बात का एह्सास हुआ की एक से ज्यादा लोगो के जलने पर चीखे ज्यादा अच्छी लगती है और मै अब एक साथ कई को मारने के बारे में सोचने लगा और फिर मै 2 -2 लोगो पर हमला करने लगा जो बच के भागने लगता उस पर हथियार इस्तेमाल करना पड़ता
फिर एक दिन मुझे एक लड़की से प्यार हो गया उसका नाम अंजेलिना हेस्टी था मैं उसे दिलो जान से चाहता था पर उसने मेरे प्यार को ठोकर मार दी कई बार प्रोपोज करने के बाद भी नहीं मानी उसके उलट भाई चार्ल्स मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना चाह रहा था और इस बात को राज रखने के लिए मुझसे पैसे मांगने लगा मेरा दिमाग फिर गया और मैंने उनके लैटर बॉक्स में पैराफिन डाल कर आग लगा दी और उसे घर के पीछे फ़ेंक दिया सोचा मेरा बदला पूरा हो जायेगा
ये आग मैंने 4 दिसम्बर को एक घर में जो शेल्बी स्ट्रीट जो हुल में स्थित है ईस्ट रीडिंग ऑफ़ यॉर्कशायर में लगायी थी उस वक़्त घर में एडिथ हेस्टि ,उसके बच्चे थॉमस और चार्ल्स (15),पॉल (12) और पीटर (8) थे ,जिसमे से चार्ल्स उसी रात मर गया दो दिन बाद हॉस्पिटल में पीटर और 12 दिन बाद पॉल मर गया जबकि उनकी माँ एडिथ बच गयी और थॉमस भी जिसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी थी हालाँकि उनकी तीन लड़कियां और थी जो उस वक़्त घर पर नहीं थी वे भी बच गयी , मरे हुए 2 बच्चो को एक ही कब्र में दफ़न किया गया
6 महीने तक चली आपके पूछताछ से मै घबरा गया था इसलिए यहाँ से भाग नहीं पाया और आखिर में मै पकड़ में आ ही गया
(इतना कहकर ब्रूस ने अपना हाथ डिटेक्टिव के हाथ के ऊपर से हटा लिया , पुरे कमरे में सन्नाटा पसरा था .. ब्रूस को पुलिस की गाड़ी में हर उस जगह ले जाया गया जहाँ उसने आग लगायी थी अच्छे से शिनाख्त होने पर उस पर 26 लोगो को मारने का केस दर्ज हुआ जिसमें से 11 को जला कर मारने का केस था (एडिथ के परिवार को जोड़ कर) जज ने ब्रूस को ताउम्र कैद की सजा सुना कर जेल में डाल दिया)
