द रूल: एक जज़ की कलम से
द रूल: एक जज़ की कलम से
अपनी पत्नी की मौत से दुखी आनंद सागर अपने घर के हॉल में बैठा है। तभी दरवाज़े पर कोई दस्तक देता है। नौकर दरवाज़ा खोलता है, तो देखता है की पुलिस आनंद को मुख्य मंत्री को मारने की साज़िश रचने के जुर्म में उन्हें गिरफ्तार करने आई है। आनंद चौंक जाते है। पुलिस थाने में थाना प्रभारी उनसे उनका गुनाह कबूल करना चाहता है, पर आनंद ऐसा कुछ नहीं करते हैं। वह कोर्ट में भी अपना मुकदमा खुद लड़ते हैं। वह सिस्टम को बदलने की उम्मीद लेकर उसे बदल देते है।