द लेडी
द लेडी
लेडी
गैंगस्टर
फूलन और तुलसी बचपन के दो सहेलियाँ है,एक साथ कॉलेज में पढ़ाई करते। फूलन एक रंगीन चुल बुली किस्म की लड़की, तुलसी एक सीधी साधी लड़की। एक दिन कॉलेज से आते हुए, महंगी कार को देखी और बोलने लगी।
फूलन :- एक दिन मेरे पास गाडी बंगला और पैसा बहुत हो जायेगा और मेरी इशारों पे दुनिया नाचेगी
तुलसी :- वो कैसे
फूलन :- दुनिया पैसे को सलाम करती है। पैसा है तो सब कुछ है
तुलसी :- (सहमती दिखाते हुये) वो बात ठीक है लेकिन पैसा आयेगा कहाँ से
फूलन :- इस दुनिया में जो पैसा वाला है, उन्होंने क्या मेहनत करके कमाये
तुलसी :- (सहमती दिखाते हुये) वो बात ठीक है लेकिन पैसा आयेगा कहाँ से
फूलन :- इस दुनिया में जो पैसा वाला है, उन्होंने क्या मेहनत करके कमाये
तुलसी :- तेरा बोलने का मतलब क्या है ?
फूलन :- जो अमीर कर सकेगा वो क्या गरीब नहीं कर सकता, जो लड़का कर सकता है, वो क्या लड़की नहीं कर सकती। एक लड़का पिस्तौल चला सकता है, तो क्या लड़की नहीं चला सकती
तुलसी :- क्या तू गुंडागर्दी करना चाहती है। वो तेरे बस की बात नहीं है।
फूलन :- लड़का पाँच लड़कियों के साथ घूमेगा वो सही है, एक लड़की पाँच लड़कों के साथ घूमेगी तो क्या गलत है। ये कौन सा इंसाफ है। कौन से शास्त्र में लिखा गया है।
तुलसी :- तू कहना क्या चाहती है। एक लडका पांच लड़कियों के घूमने से लड़के की इज़्जत कचड़ा नहीं हो सकती हैं, बल्कि एक लड़की पाँच लड़कों के साथ घूमने से लड़की का सम्मान नष्ट हो जाता है।
फूलन :- ये कौन से जमाने की सतीसावित्री है (हँसते हुए) । पति की मरने के बाद पत्नी को सती चढ़ाया जाता है। उस जमाने की है तू। वो जमाना खतम हो गया।
लड़की आज एयरोप्लेन चला सकती है बंदूक भी चला सकती है।
तुलसी :- वो बात ठीक है। वो कुछ बात है और ये कुछ अलग बात है।
फूलन :- मैं तो ऐसा ही करूंगी (फिर दोनों निकल जाती है। कुछ दिनों के बाद फूलन मुंबई आ जाती
ट्रैन से उत्तरते हुए एक लड़का उसको देखकर शिट्टी मार देता है फिर फूलन गॉगल नीचे करके देखती है और आगे चली जाती । दुसरा लड़का उसको देखके hi करता है ,और आगे जाती है एक लड़का अच्छा खासा बाइक लेके उसके पास आकर खड़ा हो जाता है बिना सोचे समझे उसके बाइक पे बैठ जाता है। उनकी आड़ में ले के जाता है। वहाँ डान्स होता है। वहां से गैंगस्टर का बॉस के पास ले के जाता है। गैंगस्टर के लोग उसका शोसन करते है फिर फूलन अपने बॉस को मुठ्ठी में ले लेती है ।बॉस उसकी हो जाती है। फिर दूसरे लड़के के साथ प्यार हो जाता है। दोनों मिलकर बॉस का मर्डर कर देते है। उसके बाद फूलन गैंगस्टर की बॉस बन जाती है। बाद में कुछ साल के बाद अपने गाव आती है। बचपन की सहेली तुलसी से मिलती है और तुलसी उससे बहुत प्रभावित हो जाती है।
फूलन :- तू कैसी है। क्या कर रही है
तुलसी :- सचमुच तू बदल गयी, तूने कुछ करके दिखाया
फूलन :- मैंने कहाँ था शहर में पैसा उड़ता है उसको पकड़ने की ताकत होनी चाहिए
तुलसी - (प्रभावित हो के)
फूलन :- तू भी मेरे साथ शहर चलेगी
तुलसी :- हाँ ठीक है। मैं तेरे साथ आएगी
(दोनों शहर आ जाते है। शहर आने के बाद एक दिन एक लड़का आता है और फूलन उसके साथ गंदी हरकत करती रहती है फिर वो चला जाता)।
तुलसी :- वो लड़का कौन है।
फूलन :- वो मेरा बॉय friend है।
(तुलसी वो भी सहन करती है और एक लड़का आता है फूलन उसके साथ भी गंदी हरकत करती है और तुलसी देखकर वो असहाय हो जाता है)।
तुलसी:-o लड़का कौन है।
फूलन :- वो मेरा financer है
(और एक लड़का आता है तो
तुलसी:- ए लड़का कौन है
फूलन,-business patner
ऐसे ही उसकी हरकत चलती रही
तुलसी उसे पूछती है।
तुलसी- phir ए कौन
फूलन :- (careless नशे में) ऐसे ही हमारा चलता है।
तुलसी :- सचमुच तू करके दिखाई जो लड़का कर सकेगा वो तभी कर सकती है। तुझे शरम आनी चाहिए ,तू एक लड़की है (गुस्से में )
फूलन :- (गुस्से के साथ नशे में) मैं तुझे गाँव से ले के आयी, क्या मुझे गीता की कहानी सुनाने के लिए।
तुलसी :- तेरे जैसी लड़कियों के लिए गीता की कहानी गंदी नाली के कीड़े जैसी है।
फूलन :- (गुस्से में ) तू मुझे उपदेश दे रही है, मैं तुझे गाँव से लेकर आयी तुम गाँव की लड़कियां गाँव में ही मरोगी
तुलसी :- (अधिक क्रोध में थप्पड़ मारते हुवे) चुप कर
फूलन:- ( उसका हाथ पकड़ती है, तुलसी हाथ छुड़ाकर भाग जाती है) (फूलन सभी गैंगस्टर लड़कों को फोन कर के बुलाती है) तुम जाओ (फोटो दिखा के) ऐ लड़की जहां दिखाई देगी वहाँ मार डालो (सब उसे ढूंढ़ने चले जाते है)
तुलसी :- (भागते हुवे डर के एक घर के अंदर चली जाती है। घर पे एक लड़का है, तुलसी उसके सामने हाथ जोड़ के) मुझे बचा लो।
आकाश :- क्या हुवा मुझे बताओ
तुलसी :- मुझे बचा लो
आकाश :- यहाँ कोई नहीं आयेगा (दरवाज़ा बंद करके) क्या हुवा बताओ
तुलसी :- कुछ गुंडे मेरे पीछे पड़े है।
आकाश:- वो लोग तुम्हारे पीछे क्यों पड़े है।
तुलसी :- (रोते हुवे सब कहानी बताती है)
(गॉग) गुण्डे:- (फूलन के पास पहुँच जाते है) लड़की कही नहीं मिली
फूलन :- (डरते हुवे) जाओ बस स्टॉप पे ढूंढो, रेलवे स्टेशन पर ढूंढो, एयरपोर्ट पर ढूंढो, (गुंडे ग्रुप में अलग अलग जगह ढूंढ़ते है)
तुलसी :- मुझे मेरे घर पे पहुंचा दो (हाथ जोड़कर)
आकाश :- नहीं इस वक़्त तुम बाहर निकलना सही नहीं है। गुंडे लोग तुम्हें हर जगह ढूंढ़ते होंगे। कुछ दिन रुक जाओ।
तुलसी :- ज्यादा रोना शुरू कर देती है।
आकाश :- (समझाते हुवे) तुम्हें विश्वास दिलाता हूँ मैं तुम्हारे घर पे छोड़ दूंगा
( पंद्रह दिन तक एक साथ रहे। एक दूसरे से अच्छी तरह व्यवहार करते थे। आकाश उसका दुःख दूर करने के लिए अलग अलग कहानी सुनाता था। आकाश तुलसी के लिए कपड़े खरीदी कर की लाया और ले आकर तुलसी के हाथ मैं देते हुवे। )
तुलसी :- ऐ सब किस के लिए
आकाश :- तुम्हारे लिए
तुलसी :- इतने सारे कपड़े
आकाश :- हाँ, ऐ कपड़े घर में पहनने के लिए (बुरखा दिखाते हुवे) ऐ तुम्हें घर पे पहन के जाना है।
तुलसी :- (हँसते हुवे) ये पहन के घर जाना है।
आकाश :- हां इस कपड़े में तुम पूरी तरह छुप जाओगी और तुम्हें कोई पहचान नहीं पायेंगे
तुलसी :- (दुःखी मन से) मुझे कब जाना है।
आकाश :- काल सबेरे हम निकल जायेंगे
(emotional song)
(दोनों सबेरे घर से निकल जाते है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में बैठ देता है और तुलसी रोते हुवे निकल जाती है)
तुकाराम :-( तुलसी पापा)बेटी तू आ गई ?
तुलसी :- (रोते हुवे माँ को पकड़ती है)
तुलसी की माँ :- (पीठ थमाते हुवे) रो मत बेटी। शहर जाने के लिए मैंने मना किया था। शहर बहुत बड़ी है हमारे जैसे लोगों के लिए जगह कहा है।
फूलन :- (गुंडे लोग वापस आ जाते है, आने के बाद )
अगर वो लड़की गाव में पहुंच गयी तो हमारा भांडा फुट जायेगा। वैसे तो हमारे पीछे पुलिस भी पड़ी है। कुछ भी करके उसे पकड़ना पड़ेगा । सब मेरे साथ आओ।
(सब उसके गाँव में जाने के लिए निकले है।
तुलसी की माँ :- ( तुलसी की उदासी देखकर माँ पूछती है)
क्या हुवा बेटी तू जबसे आयी तब से उदास है। तू भूल जा शहर की बाते।
तुलसी :- (रोते हुवे माँ को पकड़ के पूरी स्टोरी बता देती है अपने माँ और पिता को)
तुकाराम :- मैं उस लड़के को मिलने जाऊँगा (वो भी निकल पड़ता है)
(तुकाराम शहर पहुँच जाता है। आकाश के पत्ते पर उधर आकाश के दोस्तों से मुलाकात होती है।
तुकाराम :- यहाँ आकाश बर्मा रहता है
दोस्त :- आकाश यहाँ रेहता था, कुछ दिन पहले यहाँ से घर छोड़ के चला गया।
तुकाराम :- कहाँ गया कुछ बता सकते है
दोस्त :- नहीं हमको कुछ बताया नहीं और बहुत उदास था।
तुकाराम :- (निराश हो के गाँव लौट आता हैं)
तुलसी :- पिताजी आकाश से मिले
तुकाराम :- (उदास हो के) नहीं बेटा आकाश वहाँ से घर छोड़ के कही चला गया। उसके दोस्तों ने बताया।
तुलसी :- (रोते हुवे) में जाऊँगी उसे मिलने के लिए।
तुकाराम :- नहीं बेटी तेरा जाना सही नहीं है।
तुलसी :- (न मानते हुवे) नहीं पिताजी मुझे जाना है। मैं जाऊँगी (बुरखा पहन कर निकल पड़ती है)
आकाश :-(तुलसी को ढूँढने को आकाश आता है, होटल में रेहता )
टैक्सी
(जाते हुवे टैक्सीवाले से बात करता है। )
टैक्सी :- कहा जाना है
आकाश :- ( शांत है )
टैक्सी :- साहब आप शहर में नये हो क्या
आकाश :- (निराश हो के) कहाँ जाऊँ
टैक्सीवाला :- साहब आप परेशान क्यों हो कुछ बतायेंगे तो मैं आपकी मदद करूंगा
आकाश :- मैं अपनी दोस्त को मिलने के लिए आया था
टैक्सीवाला :- क्या दोस्त नहीं मिला
आकाश :- (चुप रहता है)
टैक्सीवाला :- मुझे पता बताए मैं आपको पहुँचा दूँगा
आकाश :- पता मेरे पास नहीं है
टैक्सीवाला :- (निराश हो के) साहब ये बड़ा शहर है बिना पत्ते में से किसी को ढूंढ़ना मतलब हवा से गोली चलाने जैसा हुवा। मेरा बात मानो आप वापस चले जाओ।
आकाश :- हाँ ऐसा ही करना होगा (टैक्सीवाला रेल्वे स्टेशन पर छोड़ देता है। ट्रैन छूटने का टाइम हो गया वो ट्रैन में जा के बैठ गया )
तुलसी :- (आकाश को देख लेती है , तब ट्रैन छूटनी लगी। आकाश को आवाज देते हुवे दौड़ती है)
आकाश, आकाश, आकाश
आकाश :- ( आवाज सुनाई देता है और खिड़की से देखता है)
तुलसी :- आकाश, आकाश में तुलसी हूँ (बोल के बुरखा निकल देती हैं)
आकाश :- (आवाज सुनते है पीछे देखकर ट्रैन से कूद जाता है)
गुंडे लोक :- ( तुलसी को घेर लेते है वहाँ आकाश पहुँच जाता है और आकाश से उनका फाइट शुरू हो जाता है। उसी वक़्त पुलिस वहाँ पहुँच जाती है। फूलन जैसे पुलिस को देख लेती है वैसे फूलन पुलिस पर गोली चलाना चालू करती है और गुंडे लोग पुलिस के साथ फाइट होती है उसमें तुलसी को गिरा हुआ पिस्तौल मिल जाता है। उसी से तुलसी फूलन के हाथ पर गोली चला देती है और फूलन के हाथ से पिस्तौल गिर जाती है और पुलिस फूलन को पकड़ लेती हैं।
पुलिस :- (तुलसी आभार मानते हुवे ) आपकी सक्रियता की वजह से पुलिस डपार्टमेन्ट एक कू ख्यात गैंगस्टर को पकड़ने में कामयाबी हुवा है। हम आपके आभारी है।
तुलसी और आकाश गले लगते है