अदालत
अदालत
जिला न्यायालय।न्यायालय में गृहमत्री अभिषेक के साथ खचा खच लोग भरी हुए थे आज मुजरिम प्रदीप ki सजा सुनाई जा ए गा। न्यायाधीश की आगमन हुआ,सभी लोग खड़े होगए, जातीय संगीत जन गण मन अधिनायक जय हे संगीत गूंजी उठा।न्यायमूर्ति रबी संकर आसान अधिग्रहण किया।
सरकारी वकील- (प्रत्युषा रथ) आदालती कार्यवाही को अनुमती मागी
प्रत्युषा रथ - योर ऑनर , आज की अदालती कार्यवाही शुरू की जाए।
जज.. प्रोसीड
सरकारी वकील-प्रदीप आज तुम्हे आपनी गुनाह की सजा सुनाई जाएगी ।
सरकारी वकील - मैंने न्यायमूर्ति रबी संकर से इजाज़त मगता हुं कि सजा सुनाने से पहले मुजरिम प्रदीप को उसी की खामोशी की बजाए क्या है , पुछाजाए।
जज - ईजाजत है
वकील,थैंक्स मी लर्ड
वकील-प्रदीप aaj अदालत के सामने कुछ कहना चाहते।
प्रदीप - जो बचपन में खेलता है ओ जवान में थक जाता है,जो जवान में खेलता है ओ बुढ़ापा में थक जाता है, जो बुढ़ापा में खेलता है ओ मौत तक खेलता है।
सलाम इंडिया। **********
उसी समय अदालत के सामने एक भयंकर बॉम ब्लास्ट हुआ।सभी लोग ईधर उधर भागने लगे।मुजरिम प्रदीप , ग्रूहराज्यमंत्री को किडनैप करके भाग निकाल मे कामयाबी हुआ।कुछ नेक्सलाइट की सहायता में प्रदीप गृहराज्यमंत्री को आपनी अड्डे में ले आया।
मंत्री- अपने जो किया , सही नहीं है। मै एक लोक प्रतिनधि राज्यमंत्री ,
प्रदीप - चीलाओ और जोर जोर से चिल्ला ।कल मैंने चिला चिला की कहा था।
मंत्री- मुझे छोड दे बरना कानून तूझे नहीं बख्शेगा।
प्रदीप क़ानून मुझे बख्शेगा या नहीं, तूझे खुदा नहीं बख्शेगा।
प्रदीप -चित्रगुप्त
चित्रगुप्त- (प्रदीप की चेला)जी महाराज
प्रदीप - मंत्री जी की कुंडली में क्या लिखा है
चित्रगुप्त- आप के हाथ मे मौत।
प्रदीप - सुना, तेरा मौत,मेरे हाथ मे
प्रदीप - चित्रगुप्त ओ कैसा मौत बताओ
चित्रगुप्त- गलाघोट कर, जी महाराज
मंत्रि- तुम एक मुजरिम हो,तुम कुछ नहीं कर सकता।
प्रदीप -(एक बार में ही मंत्री की सिर को सरीर से अलग कर दिया।)
(मंत्री जी की सिर को पकड़ कर अदालत में खुद को सरेंडर करदिया।)
जज- आर्डर, आर्डर (प्रदीप )को फ़ौरन हिरासत में लिया जाऐ ,सजा सुनानी को आगे कि कार बई के लिए मुल्तवी रखागया।
जिला न्यायलय।
वकील(प्रतीबदी)-मुजरिम प्रदीप आपनी पत्नी की चरित्र पर संदेह करके 24/सितंबर साम 6 बजकर 40 मिनिट में गांव कि स्कूल पर मौत की घाट उत्तरदिया। मैने अदालत से अनुरोध करता हूं कि गुन्हेगार को कड़ी से कड़ी सजा दिया जा ए
सरकारी वकील-objection your honour
जज-objection sustained
सरकारी वकील-police की पंचनमा आनुजाई 24सितंबर को साम 5/30 मिनट को प्रदीप की पत्नी तथा टीचर अर्चना राज्य मंत्री की बास भवन को गाएथे, उस के बाद टीचर अर्चना स्कूल पे आकर आत्महत्या किए , गले में दुपट्टे लगाकर आत्महत्या किए।
प्रदीप का उसमे कोई लेना देना नहीं है।
अपनी पत्नी की आंने में देर हो ने से प्रदीप गाओं की स्कूल पर गया, देखा कि teacher fan per लटक रहा, सभी लोग को बुलाकर पुलिस कि उपस्थिति में लाश उतार गया।
उसमे प्रदीप की कोई लेना देना नहीं है।
पुलिस की पंचनामा मे लिखा गया,
नक्सल बादी ने स्कूल पर आपनी demand को छोड़ कर गए थे, उस में आपनी बात गृहमंत्री के पास पहुंचा जाए।
नक्सल बादी की डिमांड को लेकर गृहराज्यमंत्री के पास टीचर जाने के बाद मंत्री जी की बुरी नजर टीचर पर पड़ा।
मंत्री जी, टीचर को बार बार बुलाते थे,कभी अपनी दप्तर को , तो कभि अपनी बासभबन पर बुलाते थे,नाना प्रकार की प्रलोभन दिखान से भी टीचर को अपनी बस में नहीं ले पाए।
सारी कोशिश के बाद भी टीचर को अपनी बस में ना आने से टीचर को धमकी दिया अपनी पति को नक्सली बता कर फाशी की सजा दे दूंगा।
टीचर आपनी पति की जान को खतरा समझ कर डिप्रेशन में आगई,उसे बर्दास्त नही कर ना पाई, और सुसाइड करली।
उसी दिन शाम को टीचर आत्महत्या करलिया।
प्रदीप =मंत्री जी की बास भवन गया , मंत्री जी को टीचर की मौत की जीमेदार ठराया।
प्रदीप - अर्चना की मौत की जिमेदार खुद तुम हो
मंत्री- इसे कोइ सबुद तुम्हारे पास है,तुम खोद एक नक्सलवादी,उस कि सजा तुम्हे मिलेगा.
(अदालत में मंत्री जी कि झुटी बयान के बजाए प्रदीप को जेल में "12 साल रहना पड़ा।)
प्रदीप को जेल में रहना पड़ा ।
हर साल 24 सितंबर को shool ki बच्ची जस्मीन आकर जेल में, टीचर की तस्वीर देता,उस में लिखा गया टीचर ki स्मृति दिवस का श्रद्धांजलि।
तुम निर्दोष,तुम्हे फसा गया।
हम्मार पास पुख़्ता सबुध है।
हम तुम्हारे साथ है।
सलाम इंडिया।
Part-2
ADAALAT beginning।
अदालत में मुजरिम प्रदीप ko sasastra police' बल के साथ लियागाय।
वकील-your honour ,mujrim प्रदीप आपनी बीबी की चरित्र पर संदेह कर की स्कूल पर गलघोट कर मर्डर करदिया,कानून कार्बाई से बचने के लिए टीचर की दुपट्टे मे गला में बांध कर पंखे में लटका दिया।
वकील - उसका जसमती गाबह मैन पेस करता हूं।
मंत्री-गीता पर हाथ रख की क हे ता हूं सच के सिबा कुछ नहीं कहूंगा
वकील- आपने स्कूल मे क्या दिखा है
मंत्रि-**********************झुटी बयान दिया
(नीरव भासा मे)
वकिल-आप अभी जा सकते।
मंत्री-Thanks honour
जज - साख्य प्रमाण आधार पर मुजरिम प्रदीप को आगामी अदालती कार्रवाई की सजा सुना जाएगा।
आगामी अदालती कार्यवाही शुरू
सर कारी वकील - प्रत्युषा रथ - your honour
टीचर Suicide करने से पहले एक सुसाइड नोट लीख कर छोड़े, मैने आज सुसाइड नोट को अदालत में पेश करना चाहती हूं।उस के साथ और एक नोट को भी पेस करना चाहती हूं।
प्रतीबादि vakil- objection your honour
जज - objection over rulled
सरकारी वकील - your honour ,teacher ki hand written suicide note me likha gaya मेरे मौत की जीमेदार, गृहराज्मंत्री अभीषक।
मंत्री जी ने मुझे बार बार धमकी देते थे कि मैने उनकी बात को ना मनी तो मेरे पती को नक्सली बता कर फासी की सजा देंगे
पति कि जान को खतरा को समझ कर,और मंत्री जी की धमकी मे तंग आकर मैने खुद खुशी करली।
अर्चना।
प्रति बादी वकिल-objection your honour
जज -objection granted to
प्रतीबादी वकील ,- Thanks me lord
मेरे महकिल पर अनायास झुटी इल्लजाम लगा जा रहा है।
उस मे कोई सत्या पन नहीं है, मैंने अदालत को अनुरोध करता हूं कि , आरोप को खारिज किया जा ऐ
सरकारी वकील - objection your honour
टीचर ki suicide note k साथ नेक्सल बादी की एक letter है जिस में लिखा है 24सिप्तेंबर साम 6-25 मिनिट को टीचर के पास हम आए थे,हम देखा है टीचर पंखे में लटके हुए थे टेबल पर सुसाइड नोट मिली। सुसाइड नोट को लेकर हम चले गए।
सलाम इंडिया।
वकील - नोट को ,judje को दिया।
जज -आर्डर ऑर्डर
सारे सबूत की पड़ ताल के बाद ,मुजरिमों प्रदीप पर लगाया गया अभियोग भित्तिहिन, प्रदीप को टीचर के मर्डर के इल्लजाम से अदालत बैज़्जत बरी करता है। और मंत्री अभिषेक की हत्या की कार्यानुस्थान की जाएं।
अदालत PART-3
अदालत=जज=सारे सबूद, साख्य प्रमाण को देखते हुए ,प्रदीप को अर्चना की मृत्यु की जिमेदार को बेबुनियाद ठहराया,किसी भी आदमी पर झुटी इल्जाम लगाकर उसे 12साल जेल में बंद किया जाए तो उस की मानसिक संतुलन बिगाड़ जाना ,और प्रतिहिंसा परायण में आकर उस आदमी को हत्या केरदेना आम बात है, बेगुनाह को गुनेहेगार बना कर 12साल की सजा काटा। गून्हेगार पख्य की आर्थिक स्थिति कमजोरी की बजे से अदालत में आपनी पख्य नही रख सका और खामोसी की,फायदा बीपख्य को मिला ,अदालत ने मंत्री जी की मडर में प्रदीप को दोषी ठहरा नही सका, डॉक्टर रिपोर्ट की आधार पर प्रदीप ने पूरी तरह से आपनि मानसिक स्थिति को हरा दिया, इसीलिए अदालत ने सजा सुनाने की बजाए मेंटल हॉस्पिटल में प्रदीप को रखजाए अदालत ने आदेश देताहै।
